14.9.08

बढ़ती आतंकवादी घटनाये : जिम्मेदार जागरुक नागरिक की भूमिका का निर्वाह करे.

हमारे देश में दिन प्रतिदिन आतंकवादी घटनाये घटित हो रही है और हजारो बेगुनाह निरीह नागरिको को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है . कभी मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट तो कभी गुजरात के क्षेत्र में तो कभी देहली में हो रहे है . कल ही देहली में अचानक हुए बम ब्लास्ट में करीब ३० लोगो की मौत हो गई और १०० लोग घायल हो गए . कल दिल्ली में १५ सितम्बर को अन्तराष्ट्रीय आतंकवाद पर सेमीनार होने जा रहा है पर उसके दो दिनों पूर्व देश की नाक राजधानी देहली में ६ बम विस्फोट कर अपने नापाक इरादे जाहिर कर दिए है . इन बम विस्फोटो से सारा देश दुखी है और इस मसले पर चर्चा का दौर शुरू हो गया है कोई सुरक्षा व्यवस्था को दोष दे रहा है तो कोई दूसरा और किसी पर दोष मढ़ रहा है .

पर आपने कभी अपने बारे में सोचा कि आप देश के जिम्मेदार नागरिक होने की हैसियत से देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या योगदान दे रहे है ?

आज मैंने एक समाचार पत्र में पढ़ा कि दिल्ली के इंडिया गेट में एक कूड़ा-करकट बीनने वाले की सजगता से सैकडो लोगो की जाने बच गई और महाराष्ट्र के रहने वाले इस युवक ने कूडेदान में से बम निकाल कर पुलिस वालो को दिया . यह प्लास्टिक बम था बाद में पुलिस वालो ने उस बम को डीफ्यूज किया और अपनी पीठ थप थ प् ली और वाहवाही लूट ली . बेचारे उन युवको की किसी ने परवाह भी नही की जिनकी वजह से सैकडो लोगो की जाने बच गई . इन युवाओ की जितनी भी सराहना की जावे कम है वे युवक सराहना के पात्र है .

मामला आतंकवाद का हो या हिंसा या किसी अपराधिक घटनाओ का हो . घटना घटित होने पर हम क्या सभी प्रशासन पर सुरक्षा व्यवस्था पर उंगली उठने लगते है और उनकी भूमिका पर सवाल खड़े करने लगते है . सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी लोग हमारी तरह इंसान होते है . छल कपट के कारण आतंकवादी अपराधी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते रहते है .

राजनीतिक परिवेश में अपराधियो को पकड़ना साधारण कार्य नही है ऐसे माहौल में चुस्त दुरस्त सुरक्षा व्यवस्था अपने सही काम को समय पर अंजाम नही दे पाती है . उपर से भ्रष्टाचार का दलदल का साम्राज्य है . जिस प्रकार हम अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखते है ठीक उसी प्रकार हमें एक जिम्मेदार नागरिक होने की हैसियत से पूरे समाज की सुरक्षा होने का भी अहसास होना चाहिए . आप भी जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपने आसपास नजर तो रख सकते है . मुहल्ले में बाहर कूडेदान पर भी पैनी नजर रखे कि आसपास कोई संदिग्ध वास्तु तो नही या संदिग्ध व्यक्ति तो नही घूम रहा है . आपको लगे कि कोई लावारिस वस्तु संदिग्ध अवस्था में पड़ी है तो फौरन पुलिस को सूचित करे . इस तरह सजग रहकर काफी हद तक आतंकवादियो पर अंकुश लगाया जा सकता है . विदेशो में आतंकवाद की बहुत ही कम घटनाये घटित होती है उसका मूल कारण है कि वहां के लोगो का सजग और अधिक जागरुक रहना है और उसके साथ साथ वहां की सुरक्षा व्यवस्था भी सजग जागरुक चुस्त दुरस्त है और ऐसे मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप भी नही होता है .

गायत्री परिवार के पूज्यदेव गुरुदेव कहा करते थे कि " जब हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा "

जब देश का आम आदमी देश समाज की सुरक्षा के प्रति सजग और जागरुक रहेगा तो प्रशासन भी सजग और जागरुक हो जावेगा . देश में अब समय आ गया है कि हम सुरक्षा एजेसी और अन्य व्यवस्था पर दोषारोपण करना छोड़कर आतंकवाद से निपटने के लिए समाज के सुरक्षा के लिए ख़ुद सजग हो जावे जिससे निरीह जाने जाने से बचे और अपने जिम्मेदार नागरिक होने के दायित्व का निर्वहन करे यही इन असामयिक घटनाओ में मारे गए लोगो के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी .
कल की घटना से दुखी होकर यह पोस्ट लिख रहा हूँ .

महेंद्र मिश्रा
जबलपुर.