29.9.08

उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी (पंखविलाब) के बारे में जाने.

एक ख़बर के मुताबिक स्तनधारी उड़ने वाली गिलहरी (पंख बिलाब) उमरिया जिले में लोगो के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है . बांधवगढ़ के दक्षिण में मैकल पठार के जंगलो में इस स्तनधारी दुर्लभ गिलहरी को देखने के लिए भारी संख्या में पक्षी प्रेमी जा रहे है . यह चमगादड़ की माफिक उड़ती है . वन्य जीव प्रेमियो के अनुसार यह दुर्लभ पक्षी सिर्फ़ मध्यभारत में पाया जाता है . देशभर में उड़ने वाले स्तनधारी पक्षियो की संख्या कम है . डिन्डोरी और उमरिया में इनकी मौजूदगी से सभी उत्साहित है . गिलहरी जैसे आकार का यह पक्षी चमगादड़ जैसे पंख लिए हुए है और इसे पंखविलाब भी कहा जाता है . .







यह सूर्यास्त के समय हलकी रोशनी हो तब निकलती है . दिन और रात में यह पेडो की डाली पर छिपाकर बैठी रहती है . एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर उड़कर जाती है . इसके तेज नुकीले दंत शिकार में मदद करते है . वन्यजीव विशेषज्ञों ने जानकारी दी है कि यह उत्तर भारत में दूसरी प्रजाति है . जबलपुर के जूलाजी म्युजिंयम में इसकी प्रतिकृति (अवशेष) मौजूद है . देखने में सुंदर यह उड़ने वाली गिलहरी १५०० फीट तक उडान भर सकती है . मध्यप्रदेश में यह प्रजाति बालाघाट और बांधवगढ़ में पाई जाती है .


फोटो अखबार से साभार-

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