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2.11.08
माइक्रो पोस्ट - सबक : दूरियां और नजदीकियाँ.
ये
दूरियां
मजबूरी हो सकती है मगर इतनी भी बड़ी नही है कि बने बनाये रिश्तो को पल में तोड़ दे .वक्त गर आ जाए अगर तो सच्चे प्रेम और सच्चे
रिश्तो की डोर
दूरियों को भी लांघकर नजदीकियो में बदल देती है, चाहे फ़िर वह
झूठा बहाना
ही क्यो न हो .......
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