19.11.08

यूँ ही चुपचाप से गुजर गया बहुत चाहने वाला..



शख्स कितना कमजोर था आइना बनाने वाला
जीतता रहा है वो अक्सर पत्थर बनाने वाला.

यूँ ही चुपचाप से गुजर गया बहुत चाहने वाला
महसूस किया पत्थर से मेरा दिल कुचल गया.

उनकी सजी संवरी हुई जुल्फे हाय क्या कहने
मैंने निगाह डाल कर जुल्फों को मैला कर दिया.

न सलाम याद रखना न मेरा पैगाम याद रखना
आरजू है जानी दिल में मेरा नाम याद रखना.

दिल को ठेस लगी है फाड़कर दिखा नही सकते
दिली ठेस को सुनाना चाहे तो सुना नही सकते.

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