9.12.08

राज भाई अमां यार गुस्सा थूक दो कह दो मुंबई सबकी है

एक चिट्ठी अमां यार तुम्हारे नाम
तुम्हारी तलाश है तुम कहाँ हो यार


राज भाई
(मोस्ट वांटेड}
मेरा मुबई... मेरी मराठी भाषा..... यहाँ रहना है तो मराठी बोलो .......अन्यथा खैर नही है मारे जाओगे , यहाँ तुम बाहरी लोग...... नौकरी नही कर सकते हो और यहाँ फुटपाथ पर खोमचे का ठेला नही सकते हो .
भाई तुमने तो तहलका मचा दिया था और तुम्हारे नाम से लोग मुबई जाने से डरने लगे थे . अचानक इन बिना बुलाये मेहमानों ने तुम्हारे शहर में हमला कर दिया



सैकडो की जाने ले ली पर अमां यार समझ में नही आता है कि हमले के बाद तुम कहाँ छापामार तरीके से छुप गए और और तो और न जाने तुमने अचानक दहाड़ना भी बंद कर दिया . तुम्हारी दहाड़ न सुनकर हम भी हक्के बक्के रह गए और सोचा कि शायद तुम कोई नया गुल खिला रहे होगे.

पर एक जगह तुम्हारी बढ़िया फोटो मेरे हाथ लग गई है जिसे देखकर पता चला कि तुम आजकल कुत्ता प्रेम में व्यस्त हो .भाई मेरी सलाह है कि तुम कुत्तो से प्रेम करना छोड़ दो और आदमियो से प्यार करना सीखो यही तुम्हारे ताऊ समझाया करते थे पर एक तो तुम हो भेजे में कुछ चढ़ता ही नही है .
तुम्हारी पिछले दिनों बहादुरी देखकर भाई मै भी तुम्हारा मुरीद हो गया हूँ . तुम्हारे बयान तुम्हारी दहाड़ न सुनकर आजकल मेरा खाना भी नही पच रहा है सो याद कर लिया है आखिर तुम भी तो मेरे देश के मेरे परिवार एक सदस्य हो तो लाजिम है तुम्हारी खोज ख़बर तो करनी पड़ती है.

यार समझ में नही आता तुम इतने बहादुर हो जब तुम्हारी मुबई में आतंकी हमला हो रहा था तो तुम आखिर कहाँ रहे . अब तो मुबई से संकट के बदल हट गए है अब तो प्रगट हो जाओ तुम्हारी मुबई को उत्तरवसियो ने अपने प्राणों का बलिदान कर बचा लिया है . कहाँ हो तुम और तुम्हारे मनसे के वीर सिपाही जो गरीब उत्तरवसियो के खोमचे के ठेला पलटाते है और गरीबो के पेट पर बेवजह लात मारते है . दक्षिण और उत्तर के कई वीर तुम्हारी मुबई के लिए शहीद हो गए है शायद तुम्हे पता चल गया होगा . अब शान्ति का राज कायम हो गया है यार और अपना गुस्सा थूक दो और अपनी सेना सहित बिल से बाहर आ जाओ और यार एक बार तो कह दो मुंबई हम सबकी है .

देख मुन्ना भाई नाराज नई होने का
तुम्हारा

बड्डा
खुन्नसबाज.