21.2.09

जरा देखें तेरे चेहरे पे क्या क़यामत बरस रही है

तेरी मौजूदगी का.. सदा मुझे एहसास रहता है
बंद आँखों के आईने में तेरी सूरत देख लेता हूँ.

जरा अपने इस चेहरे से जरा नकाब हटा दे यारा
जरा देखें तेरे चेहरे पे क्या क़यामत बरस रही है.

जब भी तू आइने में अपना चेहरा देखती होगी
आइना अक्सर तुझे मेरा चेहरा दिखलाता होगा.

जो चेहरा मैंने अपने ख्यालो में दिल से देखा था
जब रूबरू हुए तो वह चेहरा दिल से उतर गया.

इतना बेइंतिहा प्यार इस चेहरे से न तू न कर
सारी उम्र फ़िर जिया न जाए और न मरा जाए.

***
चिठ्ठा चर्चा "समयचक्र" में