11.3.09

होली संध्या पर संकल्प ले : उठो समय आमंत्रण देता युग करता है आहवान

उठो समय आमंत्रण देता युग करता है........आहवान
नवल सृजन...का समय आ गया. लाओ नया बिहान
शांति मार्ग को रोके बैठा है.....अन्धकार और अज्ञान
बनकर ज्ञान सूर्य की किरणे छेडो.. तुम नव अभियान
छुआ-छूत का भूत भगाकर करो ...तुम देश का उद्धार.

भय कुरीतियों के जंगल में पनप नहीं पाते है....फूल
घ्यान बिना जीवन के सपने आज चाटते है.......धूल
ऊँच नीच की रची राखी हुई है.......छाती पर चट्टान
मानवता की फसलें चरता.. ...अंहकार और अभिमान
भेदभाव की जड़ काटो.......लेकर संकल्प शक्ति कुठार.