31.3.09

चलना सिखा दिया.... गलना सिखा दिया है

चलना सिखा दिया गलना सिखा दिया है
घनघोर आंधियो में जलना सिखा दिया है

हमें मिला है अपने श्रद्धेय गुरुदेव का बल
माँ ने हमें दिया है अपना पुनीत आंचल

सुख दुःख है यहाँ मैदान और दल दल
संसार एक पथ है जिसमे न फूल केवल

काँटों भरी डगर पे चलना सिखा दिया है
फूलो की सेज के इच्छुक है सभी यहाँ

लेकिन प्रकाश के कण दिखते नहीं कही पर
तम की महानिशा में चलना सिखा दिया है

यहाँ साधन भरे पड़े है पर साधना नहीं है
भगवान तो वही है पर यहाँ साधना नहीं है

चलना सिखा दिया गलना सिखा दिया है
अपनी उपासना को फलना सिखा दिया है

साभार-युग निर्माण योजना से रचना.
जय गुरुदेव