30.6.09

जहाँ भी बस मै देखता हूँ बसी है तुम्हारी यादें


तुम नजरे झुका कर देखती हो... जिस तरह
देखती हो इस तरह.. जैसे कुछ भी नहीं देखा.

oooooo

अपना हाले दिल लेकर कहाँ तुझे खोजने जाऊं
जहाँ भी बस मै देखता हूँ बसी है तुम्हारी यादें.

oooooo

तेरे इस हसीन चेहरे को देख खूब प्यार आता है
हँस कर जालिम ने कहा आप को क्या आता है.