19.8.09

एक तुम्ही आधार सदगुरु......एक तुम्ही आधार

हे सदगुरु जब तक न तुम न मिलो इस जीवन में
शांति कहाँ मिल सकती है भटकते अतृप्त मन में.

खोजा फिरा संसार सदगुरु एक तुम्ही आधार सदगुरु
कैसा भी तारन हारा मिले न जब तक शरण सहारा.

प्रभु तुम ही विविध रूपों में हमें बचाते भाव कूपो से
ऐसे परम उदार सदगुरु एक तुम्ही हो आधार सदगुरु.

छा जाता जग में अँधियारा तब पाने प्रकाश की धारा
आते है तेरे द्वार सदगुरु एक तुम्ही आधार हो सदगुरु.

हम आये है द्वार तुम्हारे तुम्ही उद्धार करो दुःख हारे
सुनलो इस दास की पुकार सदगुरु एक तुम्ही आधार.

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