5.9.09

शिक्षक दिवस 5 सितंबर : मानवतावादी डाक्टर राधाकृष्णन

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय सामाजिक संस्कृति से ओत प्रोत एक महान शिक्षाविद महान दार्शनिक महान वक्ता और एक अस्थावान हिंदू विचारक थे. स्वतंत्र भारत देश के दूसरे राष्ट्रपति थे. डाक्टर राधाकृष्णन ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 40 वर्ष शिक्षक के रूप मे व्यतीत किए. उनमे एक आदर्श शिक्षक के सारे गुण मौजूद थे .उन्होने अपना जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप मे मनाने की इच्छा व्यक्त की थी और हमारे देश मे डाक्टर राधाकृष्णन का जन्म दिन 5 सितंबर को "शिक्षक दिवस" के रूप में राधाकृष्णन समस्त विश्व को एक शिक्षालय मानते थे. उनकी मान्यता थी कि शिक्षा के द्वारा ही मानव दिमाग़ का सदउपयोग किया जाना संभव है.इसीलिए समस्त विश्व को एक इकाई समझकर ही शिक्षा का प्रबंधन किया जाना चाहिए.

एक बार ब्रिटेन के एडिनबरा विश्वविद्यालय मे भाषण देते हुए डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि मानव को एक होना चाहिए .मानव इतिहास का संपूर्ण लक्ष्य मानव जाति की मुक्ति है .जब देशो की नीतियो का आधार विश्व शांति की स्थापना का प्रयत्न करना हो. शिक्षक दिवस का महत्त्व इस द्रष्टि से अत्यधिक बढ़ जाता है की हम इस दिन अपने गुरुजनों का सम्मान कर स्मरण कर लेते है की उन्ही के आशीर्वाद से हम जीवन में उन्नति और प्रगति कर सकते है. किसी ने कहा है " की गुरुजन बिन ज्ञान प्राप्त नहीं होता है चाहे वह गुरु किसी भी क्षेत्र में किसी भी विधा में पारंगत हो ".

अंत में इस अवसर पर सभी गुरुजनों के चरणों में नमन कर उनका हार्दिक स्मरण कर रहा हूँ की जो भी हूँ या जो भी है वह उनकी असीम कृपा से है.

ॐ तस्मै गुरुवे नमः