21.9.09

मै आशिक न होता अगर तू बेहद हसीन न होती

मै आशिक न होता अगर तू बेहद हसीन न होती
तू सितम न होती अगर तो मै कलमकार न होता.
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करे और क्या शिकवा हम आपसे है हम सनम
ये चाहे जितना भी तडफाये प्रीत न होगी कम.
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आपको देखते दिल की बगिया में बहारे खिलती है
आपको खुश देखकर इस दिल को ख़ुशी मिलती है.
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तू हर ख्वाब मेरा है जुडी हर यादे तुझसे जुडी है
कम न हो तेरी खुशियाँ खुदा से दुआ कर रहा है
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