30.9.09

चाँद पे पानी मिल जाने की ख़ुशी में - नहले पे दहला

चाँद पे पानी मिल जाने की ख़ुशी में - नहले पे दहला
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आओ तुम्हे चाँद पर ले जाए वहां पर प्यार भरे सपने सजाये
नई दुनिया में सपनों का महल बनाये वहां भरपूर पानी पाए.

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मै नदी किनारे इंतजार में बैठा हूँ. .कभी लहरे तो आयेगी
लहरों के इंतजार में हूँ लहरों को कभी मेरी याद आयेगी.

दुनिया जब जवां हुई मेरी जेहन में बचपन की यादे आ गई
बचपन में जो रात दिन साथ रहती थी न जाने कहाँ खो गई.

दुनिया हमेशा आबाद रहेगी चाहे हम रहे या न रहे जहान में
वो मस्त बहारे वो मस्त फिजाये वो बसी रहेगी सदा जेहन में.

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