तस्वीर जब से इस दिल में मैंने बैठाई है
हर हाल में बस तू ही तू दिखाई देती है.
कलम चलाने के वास्ते जब खोली आंखे
देख दिल धड़क गया वो तस्वीर आपकी.
तस्वीर में पाई सूरत कुछ हटकर आपकी.
जब धूमिल होती है आँखों में सूरत तेरी
तब खूब देखता हूँ दिल से तस्वीर आपकी.
मै इन हाथो में तेरी तस्वीर लिए फिरता हूँ
अंधे प्यार में कहीं छू न दूं किसी गैर को.
तेरी तस्वीर न बोले उसे देख समझ लेते है
तन्हा बैठ जी लेते है तेरी तस्वीर के सहारे.
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हर हाल में बस तू ही तू दिखाई देती है.
कलम चलाने के वास्ते जब खोली आंखे
देख दिल धड़क गया वो तस्वीर आपकी.
तस्वीर में पाई सूरत कुछ हटकर आपकी.
जब धूमिल होती है आँखों में सूरत तेरी
तब खूब देखता हूँ दिल से तस्वीर आपकी.
मै इन हाथो में तेरी तस्वीर लिए फिरता हूँ
अंधे प्यार में कहीं छू न दूं किसी गैर को.
तेरी तस्वीर न बोले उसे देख समझ लेते है
तन्हा बैठ जी लेते है तेरी तस्वीर के सहारे.
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