26.10.09

मौजू के जोग मौज करो......



रघुनाथ नाई अपने मित्र से - मेरी पत्नी मेरा बड़ा रौब मानती है मै उसपे खूब रौब झाड़ता हूँ . जो काम मै उससे करने को कहता हूँ वो तुंरत कर देती है . कल रात ग्यारह बजे मैंने पत्नी से कहा पानीगरम करके ले आओ वो भागवान तुंरत पानी गरम करके ले आई .
रघुनाथ का मित्र - आपकी पत्नी तो बड़ी अच्छी है पर आपने उससे क्या कहा ?
रघुनाथ नाई - हाँ मैंने कहा ठंडे पानी से मै बर्तन नहीं धो सकता .


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ताउजी महाताउश्री - तुम्हारे पास मै आता कैसे ? तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला जिसमे तुम्हारा कोई पता होता .
महाताउश्री ताउजी से - मगर मैंने तो पत्र डाला था उसमे ये भी लिख दिया था की पत्र मिले या न मिले तुम जरुर आ जाना .
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भिखारी - बाबू एक अंधे को लाचार को दस रुपये दे दो
राहगीर - सूरदास तो टोटली अंधे थे मगर तुम्हारी एक आंख तो खुली है .
भिखारी - तो बाबा पॉँच ही रुपये दे दो .
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जब तीन बुलाए और तेरह आ जाए तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर - तब खुद नौ दो ग्यारह हो जाना चहिये .
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ओह काँफी समय हो गया
तुम्हे हिंदी बोलना भी नहीं आता यह बोलो काँफी का समय हो गया .
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एक वर्कशाप में एक महिला ढीले ढाले कपडे पहिनाकर गई . वर्कशाप में एक कामगार ने उस महिला से कहा - मैडम इस वर्कशाप में ढीले ढले कपडे पहिनाकर आना माना है .ढीले कपडो का मशीनों से फंस जाने का डर रहता है .
महिला ने उत्तर दिया - यदि मै चुस्त कपडे पहिनकर वर्क शाप में आई तो मशीनों में कामगारों के फंस जाने का डर रहेगा.


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एक नन्हे बालक ने गर्भवती महिला का पेट छूकर कहा - यह क्या है और इसके अन्दर क्या है ?
महिला ने प्यार से बालक के सर पर हाथ फेरते हुए कहा - यह पेट है और इसके अन्दर मेरा प्यारा बेटा है जिसको मै बहुत प्यार करती हूँ ..
नन्हे बालक ने आश्चर्य से आंटी से कहा - ओह अगर आप इसे इतना प्यार करती है तो फिर आपने इसे खा क्यों लिया है .
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