5.1.10

पुराने कागज के चंद टुकड़ो से - "उनकी यादो में,अब हम विरह गीत गाने लगे हैं"

उनकी यादो में,अब हम विरह गीत गाने लगे हैं
ख्यालो में और किताबो में, उनको पाने लगे है.

वहां उनका दिल धड़कता है, याद यहाँ आती है
वो परेशान दिखती है,दिल से जान निकलती है.

इस तन्हाई में, कोई दिल को आवाज दे रहा है
किसकी आवाज गूँज रही है, इस सूने अंगना में.

दूर रहकर भी मुझसे वो भी दिल से परेशान है
उनका नाम भी शामिल है, अब मेरी रुसवाई में.