26.1.10

गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैंने हमारे राष्ट्रगान जन गन मन अधिनायक के बारे में कुछ इस तरह से पढ़ा ?

जब जब अकबर के दरबार के किस्से पढ़ता हूँ तो उनके दरबारी भी याद आ जाते हैं . ये दरबारी हमेशा अकबर की शान में कसीदे पढ़ते थे उनपे लेख पुराण और रचनाये लिखते थे . हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त किये हुए ६० वर्षो से अधिक का समय हो गया है . अभी तक मुझे यह मालूम था की राष्ट्रगान के रचियता गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर थे पर आज दैनिक समाचार पत्र नई दुनिया में राष्ट्रगान के बारे में अर्थ सहित कुछ इस तरह से पढ़ा . लिखा गया है की कहा जाता है की गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर ने यह गीत जार्ज पंचम की स्तुति में लिखा था . इस स्पष्टीकरण से तो मेरा दिलो दिमाग ही हिल गया है और सोचने को मजबूर हो गया है की गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर क्या अंग्रेजो के भक्त थे ? क्या वे राष्ट्र भक्त नहीं थे और जार्ज पंचम के दरबारी थे आदि आदि ? क्या वे स्वार्थ वश अंग्रेजो की स्तुति करते थे .. यदि सभी को यह मालूम था की यह गीत गुरुदेव द्वारा जार्ज पंचम की स्तुति गान के लिए लिखा गया है तो भी इस गीत को हमारे देश का राष्ट्रगान बनाया गया है आदि आदि . चलिए गुरदेव द्वारा जार्ज पंचम के लिए जो स्तुति गान ( नई दुनिया समाचार पत्र से साभार ) लिखा गया है वह अर्थ सहित प्रस्तुत कर रहा हूँ . आप भी पढ़िए और इस गीत पर आप भी अपने नजरिये से विचार करें .

जन गण मन अधिनायक जय हे
अर्थ - हे भारत के जन गण और मन के नायक ( जिसके हम अधीन हैं )
भारत - भाग्य - विधाता
अर्थ - आप भारत के भाग्य विधाता हैं .
पंजाब सिंध गुजरात मराठा
अर्थ - वह भारत पंजाब सिंध गुजरात महाराष्ट्र
द्राविड उत्कल बंग
अर्थ - तमिलनाडु उडीसा और बंगाल जैसे प्रदेशो से बना है .
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
अर्थ - जहाँ विन्द्यांचल तथा हिमालय जैसे पर्वत हैं और यमुना गंगा जैसी नदियाँ हैं
उच्छल जलाधि तरंगा
अर्थ - और जिसकी तरंगे उच्छश्रंखल होकर उठती हैं
तब शुभ नामे जागे
अर्थ - आपका शुभ नाम लेकर ही प्रातः उठते हैं
तब शुभ आशीष मांगे
अर्थ - और आपके आशीर्वाद की याचना करते हैं
जन गण मंगलदायक जय हे
अर्थ - आप हम सभी का मंगल करने वाले हैं , आपकी जय हो
गाहे तब जय गाथा
अर्थ - सभी आपकी ही जय की गाथा गायें
जन गण मंगलदायक जय हे
अर्थ - आप हम सभी का मंगल करने वाले हैं , आपकी जय हो
भारत भाग्य विधाता
अर्थ - आप भारत के भाग्य विधाता हैं
जय हे जय हे जय हे
अर्थ - आपकी जय हो जय जय हो
जय जय जय हो

अब आप यह पढ़ें और अर्थ निकले यह आपके लिए ...

साभार - राष्ट्र गीत नई दुनिया समाचार पत्र से .