20.3.10

दिल की हर धड़कन को मै कैसे इस ख़त में लिखता हूँ

दिल का हाल मै लिखता हूँ हो सके तो यकीन कर लो
मै तुझे तेरे ख़त लौटाता हूँ अगर हो सके तो दिल दे दो.
दिल की हर धड़कन को मै कैसे इस ख़त में लिखता हूँ
इस बैचैन दिल की धड़कनें शब्दों में कैसे लिख सकता हूँ.
तूने दिल से मुझे ख़त लिखा..मैंने कब इनकार किया है
तेरा ख़त पढ़ा है तुझे सीने से लगाने को दिल चाहता है.

महेंद्र मिश्र ...