6.8.09

भड़कीले चुटकीले जोक्स - हंसी ठिठोला

पति पत्नी से - यार अपुन पिछली बार दिल्ली गए थे याद नहीं है की अपुन कौन सी होटल में रुके थे . जरा सोचकर बताओ ?
पत्नी - जरा ठहरो अभी चम्मचों पर देखकर बताती हूँ.
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एक लेडीज बड़ी तेज रफ़्तार से कार चला रही थी और उसका पति कार में बैठा था . उसके पति ने उस लेडीज से कहा जरा धीरे कार चलाओ वरना दुर्घटना हो जायेगी और खब़र अखबारों में छपेगी और अखबार वाले तुम्हारी सही सही उम्र भी छाप देंगे. यह सुनकर उस लेडीज ने प्रलयकारी नजरो से अपने पति की और देखते हुए कार की रफ़्तार धीमी कार दी.
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मिस्टर एक्स तीस साल के हो चुके थे और अभी तक अविवाहित थे. एक दिन उनके मित्र ने उनसे कहा - क्यों भाई अब आपके विवाह में कितनी देर और है ?
मिस्टर एक्स बोले - क्या करे कोशिश तो कर रहा हूँ मैंने विवाह के लिए कई अखबारों में भी विज्ञापन दे दिया और कई बहिनों के उत्तर आ भी चुके है .
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एक व्यक्ति ने अपने घर कुछ मित्रो को खाने के लिए बुलाया . जैसे ही मित्र उसके घर आने को हुए वह व्यक्ति जल्दी जल्दी अपने घर में लगी पेंटिंग सीनरी गुलदस्ते फोटो हटाने लगा . यह सब देखकर उसकी पत्नी ने उससे कहा - क्या तुम्हारे दोस्त ये सब चुरा ले जायेंगे जो तुम जल्दी जल्दी इस कमरे से हटा रहे हो . उस व्यक्ति ने कहा - चुरा तो नहीं ले जायेंगे परन्तु पहचान जरुर जायेंगे.
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3.8.09

यह भूल गया इस जहाँ में कोई अपना है

तस्वीर जबसे तेरी इस दिल में बिठाई है
हर हाल में बस तेरी सूरत दिखाई देती है

तस्वीर में जिस अदा से.. तुम हँसती हो
दिल टूट जाने के बाद क्या ऐसे ही हँसोगी

तेरी तस्वीर हाथो में लिए जब घूमता हूँ
तुझे समझ कर कहीं मै गैर को छू न दूं

तस्वीर कैसे मिटाऊ मै इस अपने दिल से
काश कागज पे होती तो फाड़ ही देता मै

यह भूल गया इस जहाँ में कोई अपना है
तेरी अश्को से.. बनी तस्वीर याद आई है

न कोई निशानी है और न कोई तस्वीर है
बस अब तेरी यादो के सहारे.. रो लेते है .

31.7.09

उनकी याद तुम मुझे न दिलाओ ऐ मस्त बहारो

उनकी याद तुम मुझे न दिलाओ ऐ मस्त बहारो
इस मौसम में तड़फते दिल को और न तड़फाओ.

मेरा राजी-ख़ुशी का पैगाम उनके पास पहुंचा देना
कहना उसे भूला नही हूँ और मुझे भुला न देना.

मेरे इस दिल को ख़ूबसूरत याद जब आती है तेरी
चंद अश्क निकल पड़ते है तब इन आँखों से मेरी.

29.7.09

जोग - जरा मुस्कुरा दें

चार शराबी दिल्ली पहुंचे वहां पर उन्होंने खूब छककर शराब पी और फिर उसके बाद शहर घूमने निकले . वहां उनकी नजर एक मंदिर पर पड़ी. उनमे से एक शराबी बोला - देखो यहाँ के लोग कितने मूर्ख है जिन्होंने मंदिर को धूप में रखा है. भगवान के घर की भी यहाँ के लोगो को परवाह नहीं है.
बाकी शराबियो ने कहा - गोली मरो यहाँ के लोगो को चलो हम सब मिलकर मंदिर को धकेलकर छाँव में ले चलते है. सब के सब बजरंग बली का नारा लगाते हुए जोर जोर से मंदिर को धकेलकर ठेलने लगे.
जब शाम हो गई तो चारो शराबियो ने अपनी अपनी पीठ ठोक ली और कहने लगे देखो हमने मंदिर को धकेलकर मंदिर को छाँव में कर ही दिया है.
कुछ लोग शराबियो की हरकतों को देख रहे थे उनमे से एक ने पूछा - आप सब लोग यह सब क्या कर रहे है.
एक शराबी ने कहा - " शर्म नहीं आती पूछते हुए की भगवान के घर को कोई इस तरह से घूप में रखते है ".
उत्तर में उस आदमी ने कहा देखते है तुम लोग कितने दिनों तक मंदिर को धूप से कैसे बचाकर रखते हो.
एक शराबी बोला - " हम तुम्हारे बाप के नौकर है जो रोज रोज मंदिर को छाँव में ले जाते फिरे.
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एक लड़का भागकर गश्त करने वाले पुलिस वाले के पास पहुँचा और बोला - जरा उस कोने में चलिए मेरे पिताजी दो घंटे से एक बदमाश से लड़ रहे है.
पुलिसवाला - तुमने पहले खब़र क्यों नहीं दी ?
लड़का - उस समय मेरे पिताजी उस बदमाश को पीट रहे थे.
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रामप्यारी ने अपने अध्यापक से कहा - "यह कहना गलत है की दो और दो मिलकर चार होते है. मिसाल के तौर पर दो पानी की बूंदों में दो पानी की बूंदे मिलाकर देखिये की चार बूंदे होती है की नहीं.
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ताऊ रामप्यारी से - मानलो तुम्हारे जेब में तीन पाई है और एक पाई जेब में और डाल दी जाए तो क्या होगा ?
रामप्यारी - मेरी जेब फट जायेगी
ताऊ - वह कैसे ?
रामप्यारी - गजब कर रहे हो मेरी जेब इतनी छोटी है की उसमे चारपाई कैसे आ सकती है.