इस तरह से मंजिले मकसद तक पहुंचे है
काँटों भरी राह को हमसफ़र समझा है.
काँटों भरी राह को हमसफ़र समझा है.
एक समय अखबारों में पढ़ा था कि इंटरनेट पर ब्लाक्स के माध्यम से आप अपने विचार स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त कर सकते है . घर में लगे नेट का फायदा उठाया और स्वयं का ब्लॉग बनाने में जुट गया आखिरकार भारी जद्दोजहद के बाद ब्लॉग बना लिया . मेरे परिजन प्रकाशक थे . सैकडो लाखो किताबे प्रकाशित होती थी . बचपन से लेखन की प्रेरणा मुझे अपने परिवारवालों से मिली है. लिखने का शौकीन मै बचपन से रहा हूँ . अखबारों में लेख कहानी आदि सामायिक समस्या पर अपने विचार रखता रहता था उसके पश्चात मध्यप्रदेश जनहित संरक्षण समिति का संयोजक होने के नाते अखबारों में जमकर विज्ञप्ति बाजी की . विज्ञप्ति बाजी का काम भी आखिरकार बोरियत भरा लगा उससे भी उब गया .
इंटरनेट पर अपना ब्लॉग क्या बना लिया जैसे डूबते को एक तिनके की रोशनी दिखाई दे गई हो. सबसे पहले समयचक्र ब्लॉग बनाया . सबसे पहले मेरे ब्लॉग पर उड़नतश्तरी और उन्मुक्त जी आए और उन्होंने ब्लॉग हिन्दी में लिखने के लिए मेरी हौसलाफजाई की उसके बाद से मै निरंतर हिन्दी भाषा में निस्वार्थ भावः से इस भावना के साथ कि ब्लागलेखन को मुझे व्यवसाय नही बनाना है और न ही ब्लॉग के माध्यम से कोई कमाई करना है. ईश्वर ने मुझे जीवन यापन करने हेतु काफी कुछ दिया है बस उद्देश्य यह कि हिन्दी भाषा का परचम सारी दुनिया में लहराए . सारी दुनिया के लोग हिन्दी भाषा पढ़े और हमारी भाषा का स्थान सर्वोपरि हो . करीब पॉँच हजार लोग हिन्दी भाषा में ब्लॉग लेखन कर रहे है जोकि विश्व में काफी रूचि चाव के साथ पढ़े जाते है .
ब्लॉग लेखन के दो वर्ष पूरे होने के दौरान मैंने अनुभव किया कि ब्लाक्स एक दूसरे को जानने और एक दूसरे के विचारो को जाने के अच्छा माध्यम है . दो वर्षो के दौरान मेरी अनेको ब्लागरो से टेलीफोनिक बात हुई और कई ब्लागरो से मेल मुलाकात भी हुई . कई ब्लागरो से भाई चारा सम्बन्ध भी स्थापित हुए . भाई समीर लाल "उड़नतश्तरी", ज्ञानदत्त जी पांडे, राज भाटिया जी , दीपक भारतदीप जी, अरविन्द मिश्रा जी, रंजू जी, जाकिरअली रजनीश जी, विवेक सिग जी, पी.एन सुब्रमनियम जी, नीरज गोस्वामी, सुनीता शानू जी, कुमार धीरज जी, डाक्टर अनुराग जी, दिनेशराय जी द्विवेदी, परमजीतसिह बाली जी, स्मार्ट इंडियन, नीतेश राज जी, अनिल पुसादकर जी, भाई संजीव तिवारी जी, डाक्टर अमर कुमार जी, सीमा गुप्ता जी, प्रीती वर्थवाल जी, भाई प्रेमेन्द्र प्रताप सिह जी, अभिषेक ओझा जी, कुश जी ,रतन सिह शेखावत, मोनिका दुबे जी (भट्ट),मनुज मेहता जी , धीरु सिह जी, महक, अजय कुमार झा, विनय जी , अर्श जी, संगीतापुरी जी, अशोक "मधुप" जी , योगेन्द्र मौदगिल जी, प्रदीप मनोरिया जी, विष्णु बैरागी जी, अमित जी, सचिन मिश्रा जी, सुनीता शानू जी, रचना जी, राहुल सिद्धार्थ जी, शोभा जी, रंजना (रंजू )भाटिया जी, डाक्टर भावना जी, आशा जोगलेकर जी, रश्मि प्रभा जी, नारद मुनि जी, डाक्टर उदय मणि कौशिक जी, श्रद्धा जैन जी, जितेन्द्र भगत जी, मकरंद जी, एस.बी. सिह ,मानविंदर जी, पारुल जी, डाक्टर चन्द्र कुमार जी जैन जी, घुघूती बासूती जी ,अनूप शुक्ला जी और जबलपुर शहर के स्थानीय ब्लॉगर भाई विजय तिवारी "किसलय" जी, भाई सुशांत दुबे 'लाल और बबाल " जी, राजेश कुमार दुबे जी "डूबेजी",भाई पंकज स्वामी जी "गुलुस" आदि ब्लॉगर समय समय पर मेरे ब्लॉग पर आकर टीप /अभिव्यक्ति प्रदान कर मेरा मानसिक मनोबल बढाते रहते है जिसके फलस्वरूप ब्लॉग लेखन में मेरी निरंतर रूचि बढ़ती ही गई है.
नौकरी के उपरांत मुझे जो समय मिलता है उसका मै भरपूर उपयोग ब्लॉग लेखन में कर लेता हूँ . बर्तमान में मै "समयचक्र" "निरंतर" और प्रहार लिख रहा हूँ और भरसक प्रयास करता हूँ कि अच्छी कविताये, सामायिक लेख, व्यंग्य आदि इन ब्लागों के माध्यम से प्रस्तुत करूँ . ब्लॉग लेखन के दो वर्ष पूर्ण होने पर मै आप सभी का आभारी हूँ कि आपकी उत्साहवर्धक अभिव्यक्ति/विचारो से/ टीप से निरंतर ब्लॉग लेखन में मेरा मानसिक संबल बना रहा है जिसके फलस्वरुप मै दो वर्ष सफलतापूर्वक पूरे कर सका हूँ जिस हेतु आप सभी धन्यवाद् के पात्र है और मै आप अभी का आभारी हूँ और आप सभी से अपेक्षा करता हूँ कि भविष्य में भी आप सभी इसी तरह से उतासहवर्धन और अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करते रहेंगे. ब्लागजगत से जो प्यार और सहयोग मुझे मिला है उसे द्रष्टिगत रखकर मै यही कहना चाहूँगा
जीना यहाँ मरना यहाँ
इसके सिवाय जाना कहाँ
तुम मुझको आवाज दो
हम है यहाँ हम है यहाँ
इसके सिवाय जाना कहाँ
तुम मुझको आवाज दो
हम है यहाँ हम है यहाँ
नववर्ष की हार्दिक शुभकामना और ढेरो बधाई और आने वाला वर्ष आपके जीवन में खुशियाँ बरसाए . आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे और सुख सम्रद्धि लाये.
महेंद्र मिश्राजबलपुर.