18.5.20

मध्यप्रदेश : बातें कुछ बाहर की कुछ अंदर की ...

जबलपुर क्षेत्र के पं देव प्रभाकर जी शास्त्री जी दद्दा जी सुप्रसिद्ध संत थे, का आकस्मिक निधन हो गया है । दद्दा जी के देहावसान से देश और संत समाज को अपूर्णनीय क्षति हुई है और जबलपुर कटनी के धार्मिक क्षेत्रों में शोक व्याप्त है । दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित है ईश्वर उन्हें स्वर्ग में स्थान दें ।

अभी कोरोना संक्रमण के दौरान केंद्रीय सरकार के द्धारा 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज जारी किये गए हैं उससे सिर्फ व्यापारिक और निजी क्षेत्रों को ही फायदा पहुंचेगा और इस राहत पैकेज से देश और समाज के कमजोर वर्ग को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है । एम.पी. में बिजली कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के विरुद्ध खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है और वे 20 मई को बिजली कर्मचारी शासन-प्रशासन को ज्ञापन देंगें और बिजली कर्मचारियों का पेंशनर भी खुल कर समर्थन करेंगें ।

केंद्र सरकार के द्धारा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढाकर 21 प्रतिशत कर दिया गया है । एम.पी. में कमलनाथ जी के द्धारा नियमित कर्मचारियों के लिए मंहगाई भत्ता 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया था परन्तु पैंशनरों के लिये मंहगाई भत्ता बढ़ाने हेतु कोई भी कार्यवाही नहीं की गई थी ।

शिवराज सरकार ने सत्ता में आते ही कोरोना संक्रमण की आड़ में आर्थिक कमी का बहाना बनाकर नियमित कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता 17 प्रतिशत से घटाकर फिर से 12 प्रतिशत कर दिया गया है । कोरोना संक्रमण के चलते शिवराज सिंह के द्धारा राजस्व कमी का लगातार बहाना बनाया जा रहा है और कर्मचारियों को और पेंशनरों को मंहगाई भत्ता नहीं देने की बात की जा रही है तो दूसरी और कमलनाथ के द्धारा राजनीति चमकाने के लिए कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता आदेश वापिस लेने की ( जब केंद्र सकारकार ने डीए बढ़ाया तब ) खुलकर आलोचना की जा रही है और आंदोलन करने की धमकी भी दी जा रही है परन्तु प्रदेश के पेंशनरों के हित में मंहगाई भत्ता बढ़ाने हेतु कोई भी बात नहीं की जा रही है ।

इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी कोरोना संकट को लेकर राजस्व कमी का लगातार रोना रो रहे हैं उधर दूसरी और ग्वालियर और चंबल संभाग में आगामी दिनों में विधानसभा के चुनाव आने वाले हैं, तो उस क्षेत्र में 800 करोड़ रुपये से चंबल एक्सप्रेस वे बनाने की बात करने लगे हैं क्योंकि वोट बैंक का सवाल है और डर के आगे जीत है । चंबल एक्सप्रेस वे बनाने के मामले में राजस्व कमी की बात नहीं कर रहे हैं ये रुपये कहाँ से आयेंगें यह नहीं बता रहे हैं । महंगाई दिनोदिन बढ़ रही है इसका प्रभाव प्रदेश के पेंशनरों और सीनियर सिटीजनों के ऊपर भी पड़ रहा है उनके लिए डीए बढ़ाने के लिये कोई भी नेतागण बात करने तैयार नहीं हैं न ही कोई आदेश निकालने हेतु कार्यवाही कर रहे हैं ।

प्रदेश के कमलनाथ जी और शिवराज सिंह जी अपनी अपनी राजनीति चमकाने में माहिर हैं और लोगों को लगातार धुर बना रहे हैं उन्हें अब ये भी समझ लेना चाहिए कि वोट देते देते जनता को भी अब खासी समझ आ गई है कि किस पार्टी को वोट देने में उनकी भलाई है या नहीं है । चुनाव में जनता को वोट देना है न कि नेताओं को वोट देना हैं । चुनाव में पांसा पलटाने में कर्मचारियों को, पेंशनरों को और जनता को देर न लगेगी यह उन्हें अब अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।

मनमर्जी से अनाप शनाप करोड़ों खर्च कर सकते हैं पर कर्मचारियों और सीनियर सिटीजन और पेंशनरों का डीए बढ़ाने की बात न करेंगें । डीए न बढ़ने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों और पेंशनरों की पेंशन और ग्रेच्युटी में अंतर आएगा और कमी आएगी इससे कर्मचारियों में पेंशनरों में दिनोदिन रोष व्याप्त हो रहा है । नेतागण समय रहते सचेत हो जाएँ और कर्मचारियों और पेंशनरों के बारे में गंभीरता के साथ विचार करें ।

जो सोचा तो लिख दिया है जिसको अच्छा लगे तो ठीक बुरा लगे तो लगता रहें ....

समयचक्र की कलम से -

1 टिप्पणी:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ठीक कहा है आपने ... सरकार अपने अनाप शनाप खर्चों में कमी नहीं करती कभी ...