25.8.08

वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे

वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे .....


वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे
किए गए सब कस्मे-वादे दफा हो गए
अब मुझे खुशी नही मिली किसी मोड़ पर
मेरे सारे रास्ते मुझसे क्यो खफा हो गए.

हरदम पल -पल मेरा साथ निभाने वाले
कदम कदम पर वो कस्मे खाने वाले
दिल में प्यार की एक शमां जलाकर
जो अब बन बैठे शमां को बुझाने वाले.

दूर दुनिया से नया आशियाँ बसाया है
जहाँ मै और मेरी सिर्फ़ यादे बसती है
गम मुझे इसका तू आए या न आए
मैंने उम्मीदों का एक दिया जलाया है.

"महेंद्र" "samayachakr,nirantar blog.