21.9.08

सूचना अधिकार की उड़ रही धज्जियाँ : जानकारी मांगी किसी ने और भेज दी किसी और को : महिला एवं बाल विकास संचालनालय भोपाल का कारनामा ? देखे ब्लॉग प्रहार में,

सूचना अधिकार की उड़ रही धज्जियाँ : जानकारी मांगी किसी ने और भेज दी किसी और को : महिला एवं बाल विकास संचालनालय भोपाल का कारनामा ? देखे हिन्दी ब्लॉग प्रहार में
लिंक देखे और हिट करे
http://prhaar1.blogspot.com

पितरो का तर्पण जरुरी : नही तो रुष्ट हो जाते है

पितरो का तर्पण जरुरी : नही तो रुष्ट हो जाते है

शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मनुष्य देवश्रण श्रषीश्रण और पितृश्रण से ग्रसित होता है . यज्ञवक्य आदि श्रशियो के अनुसार मनुष्य को इन तीनो लोको से मुक्ति का प्रयास करना चाहिए . शास्त्रों में इनके सरल उपाय भी बताये गए है . इसी कारण से तर्पण किया जाता है . पूर्व दिशा में देवताओ को उत्तर में मुनियो को (श्रषियो को) पच्छिम में महापुरुषों को और दक्षिण में पितरो को जल अर्पित किया जाता है . ज्योतिष के अनुसार पितृश्रण इन सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना गया है क्योकि पितरो के पुण्य कर्म और पुण्य अंश से हमारे उत्पत्ति हुई है और हमें संसार में स्थान दिया है जिनके कारण हम संसार की खुली हवा में साँस ले रहे है अतः हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम उनका स्मरण कर श्रद्धापूर्वक श्राध्द करे . जो पितरो का श्रध्दापूर्वक ध्यान स्मरण, तर्पण, श्राध्द नही करते उनसे पितृगण रुष्ट हो जाते है . जिस कारण से पारिवारिक कलह संकट दुःख दरिद्रता आशांति पीड़ा का सामना कारण पड़ता है .

जन्मकुंडली में सूर्य पिता और वृहस्पति संतान परिवार बड़े बुजुर्गो का कारक होता है . दोनों ग्रहों का नीच अल्प बलि पाप ग्रहों से ग्रसित होता है जो पितृ दोष का सूचक है जो पूर्व जन्म के पितृ श्रण के कारण इस जन्म को प्रभावित करते है . इस समय माँ नर्मदा के पवित्र तट पर हजारो की संख्या में लोग तर्पण करने पहुँच रहे है .

इस समय जबलपुर के किनारे माँ नर्मदा के तट पर हजारो की संख्या में गाँवो से दूरदराज के क्षेत्रो से लोगो का हुजूम एकत्रित हो रहा है जो पितृपर्व में पितरो के प्रति लोगो के श्रध्दा भावः को दर्शाता है . पितृपक्ष में पितरो के प्रति श्रध्दा भाव रखने और उन्हें जल तर्पण करने का सिलसिला हमारी भारतीय संस्कृति में सनातनकाल से चला आ रहा है .

........