9.5.09

हम क्या करें गिला शिकवा आपसे ओ जानम

दर्द इस दिल में है ओठो पर मुस्कान रहती है
मेरी आरजू तेरी याद में..हर पल तड़फती है.

देखते ही आपको मेरे दिल में बहारे खिलती है
देखकर खुश आपको..दिल को ख़ुशी मिलती है.

मुद्द्त से तड़फ रहा था ये दिल प्यार के लिए
इस दिल ने हार कर कहा बहुत जी लिए सनम.

चोट इस दिल ने खाई अश्क इन आँखों ने बहाये
तेरी याद में जानम न जी पाए और न मर पाये.

हम क्या करें.. गिला शिकवा आपसे ओ जानम
इस दिल को तडफा लो.. पर प्रीत न होगी कम.