15.10.09

चिराग रोशनी का ...


कोई हवा का झोंका...कहीं बुझा न जाए
हिफाजत करता हूँ मै अपने इन हाथो से.

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हमने चिराग बहुत से जलाए इन हाथो से
पर उजाला न हो सका अधियारे दिल में.

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घर में उजाला जिन चिरागों ने किया था
उन चिरागों ने ही अपना घर जला डाला.

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जिन चिरागों को....अपने लहू से जलाया
अब बुझने लगे उनकी सूख गई है बाती

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तुम्हारे वगैर हमें पसंद नहीं है अधियारे
मेरे लिए ये रोशनी तुम लौटकर आ जाओ
अधियारे दिल में तुम उजाला फैला जाओ.

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