21.8.08

चुटकुले : हंसलो भैय्या खुलके

एक पादरी ने अपने चर्च को सुधारने के लिए मीटिंग में बड़ी बड़ी जोरदार अपील की पर सब शांत बैठे रहे किसी ने भी चंदा देने की गुहार पर ध्यान नही दिया.तभी भीड़ में से एक वेश्या ने आवेश में आकर की फादर मै इस शुभ काम के लिए चालीस हजार रुपये की घोषणा कर ये रुपये आपको दे रही हो .पादरी ने धन्यवाद देते हुए कहा कि बहुत बहुत धन्यवाद पर मै इस धार्मिक कार्य के लिए पाप के रुपये नही लूँगा तभी वहां मौजूद भीड़ में से आवाज ले लीजिये फादर यह पाप का रूपया हम सब
का है.

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आज मुझे जल्दी घर जाना है आज मेरी नौकरानी की रजत जयंती है .
क्या तुम्हारी नौकरानी को तुम्हारे घर में २५ साल से जादा काम करते हो गए है ?
नही यार इस साल मैंने पच्चीसवी नौकरानी रखी है.

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मै तेरे दिल से गम को निकाल बाहर दूंगा..

नजर के तीर मारकर ...बार-बार शिकार करती हो
रोज एक को... अपनी नजरो से शिकार करती हो.

मुझ से प्यार क्यो करोगी दिल मेरा.... पत्थर है
रोज नजरो से मारती हो.... कल घुट घुट मरोगी.

सही राह बताने वाले यारब... तुम ठीक कहते हो
यार बता दे ठिकाना अपना...कि तू रहता कहाँ है.

मै तेरे दिल से...... गम को निकाल बाहर दूंगा
ये दिलवर बता दे.. अपना ठिकाना कि तू कहाँ है.

ये बताना बड़ा मुश्किल है... कि मै कहाँ रहता हूँ
बस मेरा ये दिल बना है.. गम का दरिया बना है.


जानी तुम कब तक अपनी जिद पर... अडी रहोगी
जिद पर अडा तेरे दिल का प्यार... सीज-फायर है.

प्यार....हजारो बार न सही बस एक बार होता है
करना है अगर... प्यार तो बंधुवर एक बार करो.

20.8.08

समयचक्र के उड़ जाने का मुझे काफी दुःख है ?

दिनाक १६-०८-०८ को सुबह सुबह किन्ही अज्ञात कारणों से मेरा सर्वाधिक प्रिय ब्लाक :समयचक्र" उड़ गया है जिसमे मेरी करीब ३४० पोस्ट थी जोकि मेरे द्वारा अथक प्रयास कर लिखी गई थी जिसमे सामायिक लेख कविता व्यंग्य चुटकुले आदि रचनाओ का समावेश था और उन सभी पोस्टो पर सभी ब्लॉगर भाइओ द्वारा करीब ३००० से अधिक टिप्पणी छोडी गई थी . किसी ने कहा कि आपका ब्लॉग हैक कर लिया गया है उन्होंने तत्काल मुझे ने ब्लाक डिजाइन करने का ऑफर दिया गया . मैंने भी अपने पुराने ब्लॉग को खोजने की पुरजोर कोशिश की पर मुझे असफलता ही हाथ लगी . तीन दिनों तक ब्लॉग में अपनी यूं . आर. एल का मुझे कोई भी आता पता नही चला . चौथे दिन पता चला कि समयचक्र की यूं.आर. एल अपने आप मेरे ब्लॉग में जीवित हो गई परन्तु ब्लॉग में मेरी द्वारा लिखी गई पोस्ट का कोई भी आता पता नही था . खाली ब्लॉग ही हाथ लगा . न मैंने इ.मेल और न पास वर्ड बदला न कोई यूं.आर.एल से छेदछाड़ नही की फ़िर ब्लॉग कैसे गायब हो गया यह मेरी समझ से परे है . इस घटना से मुझे अत्यधिक ठेस पहुँची है और अब नए सिरे से अपने ब्लॉग समयचक्र,सफलप्रहरी और निरंतर को ब्लॉग वाणी और चिट्ठाजगत में पंजीकृत कराने हेतु भारी जद्दोजहद करना पड़ रही है सही यूं आर.एल,सही ई.मेल, और सही पास वर्ड देने पर भी मेरी रचनाये ब्लागवाणी और चिट्ठाजगत में प्रकाशित नही हो रही है और न ही कोई ब्लॉगर भाई सहयोग को आगे नही आ रहे है .

एक करीब के ब्लॉगर से लिंक एच टी.एम्.एल में लगाने हेतु सहयोग माँगा तो उन्होंने सलाह दे डाली कि इसकी कोई आवश्यकता नही और अपना मुंह शांत कर बैठ गए और मै जानता हूँ कि वो ग़लत सलाह दे रहे है जबकि मुझे ब्लागिंग के बारे में अधिक तकनीकी ज्ञान नही है . पूर्ण सहयोग न मिलाने से मुझे अत्यधिक निराशा का अनुभव हो रहा है और इससे निरंतर लिखने की क्षमता पर विपरीत असर पड़ रहा है और हो सकता है कि मुझे जल्दी से जल्दी ब्लॉग लेखन से संन्यास लेना पड़ सकता है . हिन्दी ब्लॉग समयचक्र के उड़ जाने के बाद लगता है कि पॉँच चाय दिनों के ब्लॉगर भाई भूल गए है .

ब्लॉग उड़ जाने का मुझे कोई गम नही है
पर उम्मीदों पर कटार चलाना मंजूर नही
जिंदगी रही तो यारो एक समयचक्र क्या
बन जायेंगे हजारो समयचक्र देखते देखते

राम राम गुड बाई.