24.8.08

जन्माष्टमी: दुनिया से निराला गोविंदा आला रे



आज सारा भारत कृष्णमय हो गया है चारो तरफ़ भजन कीर्तन रासलीला रामायण पाठ के कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित हो रहे है . मदिरो में सुबह से पूजा पाठ के लिए भारी भीड़ भाड़ देखी जा रही है . जन्माष्टमी के दिन मटकी फोड़ प्रतियोगिता सबसे रोचक होती है . एक से एक बढ़कर टीम चढ़ बढ़कर मटकी फोड़ प्रतियोगिता में भाग लेती है . जबलपुर में कल बच्चो ने चढ़ बढ़कर प्रतियोगिता में भाग लिया और इस प्रतियोगिता ने छोटो और बडो सभी का मन मोह लिया और बच्चो की प्रतियोगिता बस देखते ही बनती थी . प्रतियोगिता के मनभावन फोटो .





जन्माष्टमी के अवसर पर मेरी पसंद की कुछ नज्म -

ऐ देखने वालो
इस हुश्न को देखो
इस राज को समझो
ऐ -नक्श -ऐ ख्याली
ये फिक्रत - ऐ -आली
ये -पैकर -ऐ -तस्वीर
ये कृष्ण की तस्वीर
दुनिया से निराला
यह बांसुरी वाला
गोकुल का ग्वाला
है सिहर कि इजाज
खुलता नही है राज
क्या शान है वल्लाह
क्या आन है वल्लाह
दो तरफा नज़ारे
याद आ गए सारे
जमना के किनारे
सब्जे का लहकना
फूलो का महकना
घनघोर घटाएँ
सर-मस्त हवाएं
मासूम उमंगें
उल्फत की तरंगे
वह गोपियों के साथ
हाथो में लिए हाथ
रकसा हुआ बृजराज
वंशी में जो लय है
नशा और न मय है
कुछ और ही सय है .

अंत में आप सभी हिन्दी ब्लॉग जगत के भाई बहिनों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाये . आज आप जरुर कृष्णमय हो .

mahendra mishra
jabalpur.mp.

23.8.08

अपनी मधुर यादो के उजाले रहने दो

हमारे साथ अपनी मधुर यादो के उजाले रहने दो
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए .
जो बिछड गए.. वो शायद कभी सपनों में मिले
जिस तरह किताब में सूखे हुए सहेजे फूल मिले.
मेरे पास आए.. न जाने क्यो अब मुंह फेर बैठे
आज का नही .यह है ज़माने का दस्तूर निराला.

"हेन्द्र"

जोग उम्र पर

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पिताजी मै इसे लडके के साथ विवाह रचाना चाहती हूँ नाचना और गाना जानता हो जो प्रख्यात हो जो नित नए विनोद करता हो और सिगरेट और शराब से परहेज करता हो और जब मै कहूं तो चुप हो जाया करे.
पिताजी - बेटा मै तेरी बातो को सुनकर समझ गया हूँ तुझे वर नही टी.वी. सेट चाहिए है .

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थानेदार के पास एक आदमी आया और बोला साहब बस में किसी आदमी ने मेरी काट दी है .
थानेदार - फ़िर मेरे पास कुओ आये हो किसी दरजी के पास जाओ .
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