26.8.08

चुटकुले - जरा हंस ले

पहला दोस्त दूसरे दोस्त से बोला - यार तू ताजमहल बनबाने वाला वाला था ?
दूसरा दोस्त -हाँ यार लेकिन किस्मत की कली खिलती नही मै तो ताजमहल बनवाना चाहता हूँ लेकिन मुमताज मिलती नही है.
कुछ महीने बाद दूसरे दोस्त की शादी हो गई .
पहला दोस्त दूसरे दोस्त से बोला - यार अब तो तेरी शादी हो गई अब ताजमहल का क्या ख्याल है ?
दूसरा दोस्त - हाँ यार मेरी किस्मत की कली खिल गई है पर मुमताज मरती नही है .

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दो गप्पी आपस में बात कर रहे थे .
पहला गप्पी - मेरे दादाजी ने इतनी बड़ी चटाई बनाई थी कि पूरा गाँव उसमे सो सकता था .
दूसरा गप्पी - मेरे दादाजी इतने बड़े थे कि सारे गाँव की चटाईयां उन्हें सोने के लिए लगती थी .
पहला गप्पी - तो फ़िर सारा गाँव कहाँ सोता था ?
दूसरा गप्पी - तुम्हारे दादाजी की बनाई हुई चटाई पर सोता था .

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एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से - आज मैंने तीन नर और चार मादा मख्खियाँ मारी .
दूसरा व्यक्ति - तुम्हे कैसे मालूम हुआ कि कौन नर और कौन मादा मख्खियाँ है ?
पहला व्यक्ति - जो सेविंग क्रीम पर बैठी थी वे नर मख्खियाँ थी और जो लिपिस्टक पर बैठी थी वे मादा मख्खियाँ थी .
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एक पागल दूसरे पागल से - पता है मै कुछ दिनों बाद पागलखाने से जानेवाला हूँ ?
दूसरा पागल - वो कैसे ?
पहला पागल - अरे बेवकूफ मै साठ का हो गया हूँ क्या रिटायर नही होऊंगा क्या .

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25.8.08

वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे

वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे .....


वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे
किए गए सब कस्मे-वादे दफा हो गए
अब मुझे खुशी नही मिली किसी मोड़ पर
मेरे सारे रास्ते मुझसे क्यो खफा हो गए.

हरदम पल -पल मेरा साथ निभाने वाले
कदम कदम पर वो कस्मे खाने वाले
दिल में प्यार की एक शमां जलाकर
जो अब बन बैठे शमां को बुझाने वाले.

दूर दुनिया से नया आशियाँ बसाया है
जहाँ मै और मेरी सिर्फ़ यादे बसती है
गम मुझे इसका तू आए या न आए
मैंने उम्मीदों का एक दिया जलाया है.

"महेंद्र" "samayachakr,nirantar blog.

24.8.08

जन्माष्टमी: दुनिया से निराला गोविंदा आला रे



आज सारा भारत कृष्णमय हो गया है चारो तरफ़ भजन कीर्तन रासलीला रामायण पाठ के कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित हो रहे है . मदिरो में सुबह से पूजा पाठ के लिए भारी भीड़ भाड़ देखी जा रही है . जन्माष्टमी के दिन मटकी फोड़ प्रतियोगिता सबसे रोचक होती है . एक से एक बढ़कर टीम चढ़ बढ़कर मटकी फोड़ प्रतियोगिता में भाग लेती है . जबलपुर में कल बच्चो ने चढ़ बढ़कर प्रतियोगिता में भाग लिया और इस प्रतियोगिता ने छोटो और बडो सभी का मन मोह लिया और बच्चो की प्रतियोगिता बस देखते ही बनती थी . प्रतियोगिता के मनभावन फोटो .





जन्माष्टमी के अवसर पर मेरी पसंद की कुछ नज्म -

ऐ देखने वालो
इस हुश्न को देखो
इस राज को समझो
ऐ -नक्श -ऐ ख्याली
ये फिक्रत - ऐ -आली
ये -पैकर -ऐ -तस्वीर
ये कृष्ण की तस्वीर
दुनिया से निराला
यह बांसुरी वाला
गोकुल का ग्वाला
है सिहर कि इजाज
खुलता नही है राज
क्या शान है वल्लाह
क्या आन है वल्लाह
दो तरफा नज़ारे
याद आ गए सारे
जमना के किनारे
सब्जे का लहकना
फूलो का महकना
घनघोर घटाएँ
सर-मस्त हवाएं
मासूम उमंगें
उल्फत की तरंगे
वह गोपियों के साथ
हाथो में लिए हाथ
रकसा हुआ बृजराज
वंशी में जो लय है
नशा और न मय है
कुछ और ही सय है .

अंत में आप सभी हिन्दी ब्लॉग जगत के भाई बहिनों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाये . आज आप जरुर कृष्णमय हो .

mahendra mishra
jabalpur.mp.