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21.9.08
पितरो का तर्पण जरुरी : नही तो रुष्ट हो जाते है
पितरो का तर्पण जरुरी : नही तो रुष्ट हो जाते है
शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मनुष्य देवश्रण श्रषीश्रण और पितृश्रण से ग्रसित होता है . यज्ञवक्य आदि श्रशियो के अनुसार मनुष्य को इन तीनो लोको से मुक्ति का प्रयास करना चाहिए . शास्त्रों में इनके सरल उपाय भी बताये गए है . इसी कारण से तर्पण किया जाता है . पूर्व दिशा में देवताओ को उत्तर में मुनियो को (श्रषियो को) पच्छिम में महापुरुषों को और दक्षिण में पितरो को जल अर्पित किया जाता है . ज्योतिष के अनुसार पितृश्रण इन सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना गया है क्योकि पितरो के पुण्य कर्म और पुण्य अंश से हमारे उत्पत्ति हुई है और हमें संसार में स्थान दिया है जिनके कारण हम संसार की खुली हवा में साँस ले रहे है अतः हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम उनका स्मरण कर श्रद्धापूर्वक श्राध्द करे . जो पितरो का श्रध्दापूर्वक ध्यान स्मरण, तर्पण, श्राध्द नही करते उनसे पितृगण रुष्ट हो जाते है . जिस कारण से पारिवारिक कलह संकट दुःख दरिद्रता आशांति पीड़ा का सामना कारण पड़ता है .
जन्मकुंडली में सूर्य पिता और वृहस्पति संतान परिवार बड़े बुजुर्गो का कारक होता है . दोनों ग्रहों का नीच अल्प बलि पाप ग्रहों से ग्रसित होता है जो पितृ दोष का सूचक है जो पूर्व जन्म के पितृ श्रण के कारण इस जन्म को प्रभावित करते है . इस समय माँ नर्मदा के पवित्र तट पर हजारो की संख्या में लोग तर्पण करने पहुँच रहे है .
इस समय जबलपुर के किनारे माँ नर्मदा के तट पर हजारो की संख्या में गाँवो से दूरदराज के क्षेत्रो से लोगो का हुजूम एकत्रित हो रहा है जो पितृपर्व में पितरो के प्रति लोगो के श्रध्दा भावः को दर्शाता है . पितृपक्ष में पितरो के प्रति श्रध्दा भाव रखने और उन्हें जल तर्पण करने का सिलसिला हमारी भारतीय संस्कृति में सनातनकाल से चला आ रहा है .
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शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मनुष्य देवश्रण श्रषीश्रण और पितृश्रण से ग्रसित होता है . यज्ञवक्य आदि श्रशियो के अनुसार मनुष्य को इन तीनो लोको से मुक्ति का प्रयास करना चाहिए . शास्त्रों में इनके सरल उपाय भी बताये गए है . इसी कारण से तर्पण किया जाता है . पूर्व दिशा में देवताओ को उत्तर में मुनियो को (श्रषियो को) पच्छिम में महापुरुषों को और दक्षिण में पितरो को जल अर्पित किया जाता है . ज्योतिष के अनुसार पितृश्रण इन सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना गया है क्योकि पितरो के पुण्य कर्म और पुण्य अंश से हमारे उत्पत्ति हुई है और हमें संसार में स्थान दिया है जिनके कारण हम संसार की खुली हवा में साँस ले रहे है अतः हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम उनका स्मरण कर श्रद्धापूर्वक श्राध्द करे . जो पितरो का श्रध्दापूर्वक ध्यान स्मरण, तर्पण, श्राध्द नही करते उनसे पितृगण रुष्ट हो जाते है . जिस कारण से पारिवारिक कलह संकट दुःख दरिद्रता आशांति पीड़ा का सामना कारण पड़ता है .
जन्मकुंडली में सूर्य पिता और वृहस्पति संतान परिवार बड़े बुजुर्गो का कारक होता है . दोनों ग्रहों का नीच अल्प बलि पाप ग्रहों से ग्रसित होता है जो पितृ दोष का सूचक है जो पूर्व जन्म के पितृ श्रण के कारण इस जन्म को प्रभावित करते है . इस समय माँ नर्मदा के पवित्र तट पर हजारो की संख्या में लोग तर्पण करने पहुँच रहे है .
इस समय जबलपुर के किनारे माँ नर्मदा के तट पर हजारो की संख्या में गाँवो से दूरदराज के क्षेत्रो से लोगो का हुजूम एकत्रित हो रहा है जो पितृपर्व में पितरो के प्रति लोगो के श्रध्दा भावः को दर्शाता है . पितृपक्ष में पितरो के प्रति श्रध्दा भाव रखने और उन्हें जल तर्पण करने का सिलसिला हमारी भारतीय संस्कृति में सनातनकाल से चला आ रहा है .
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19.9.08
पुर्तगाली भाषा की कविता का हिन्दी भाषा में अनुवाद : खूबसूरत मित्रता
मेरी मित्र क्रिस्टीना डुग ब्राजील ने मुझे दो दिन पहले पुर्तगाली भाषा में कविता प्रेषित की है जिसका अनुवाद हिन्दी भाषा में आपके समक्ष प्रस्तुत है . कविता का नाम है "ख़ूबसूरत मित्रता" और "सुबह" जिसके लेखक अज्ञात है .
खूबसूरत मित्रता
इस दिन इस बिंदु मैं तुम से मिला नहीं था
लेकिन उस दिन मैं तुम्हारे साथ साँझा करने के लिए विद्वान
मेरी खुशी और गम.
जब मैं मुझ में पैदा हुई दोस्ती की भावना.
मुझे लगता है कि हमारे बीच में पैदा हुआ था
देख सकता था
एक खूबसूरत दोस्ती का एक सपना.
शब्द, जटिल है
वे क्या मतलब जानते है लेकिन जो
यह जो सिर्फ सत्ता की क्षमता है
अपनी ग़लतियाँ और गुणों का मूल्यांकन.
सच्ची दोस्ती है कि नहीं
यह अनन्त उद्देश्य है एक भावना है.
तुम्हारे साथ मेरी दोस्ती इतनी खास है
मुझे लगता है कि इसे महज शब्दों में समझा नहीं पाता हूँ .
जब भी मैं कहना चाहता हूँ
दोस्ती करने के लिए आप पसंद और महत्वपूर्ण दोस्त हैं .
आज तुम मेरे जीवन का हिस्सा हो,
दोस्ती के लिए भगवान का शुक्रिया
और तुम सच के साथ दोस्ती की खोज की.
एक बात है,मुझे कहना है कि मेरी दोस्ती है,
एक शुरुआत,मध्य और कभी खत्म नहीं होगी .
............
सुबह
आपकी सुबह इतनी क्या जादुई है
सब परियों के जादू के रूप में ...
अपनी नाराज़गी इतना छोटी है
सबसे छोटी बूंद के रूप में ...
उनके पथ के रूप में स्पष्ट कर रहे हैं
इस नदी के जल में अधिक सपने देखे ...
उनकी वेशभूषा बहुत अच्छी हैं
सबसे महंगी ज्वेल के इच्छा के रूप में ...
उसकी अधीनता इतनी संवेदनशील है
सबसे अधिक प्राकृतिक शहद के रूप में ...
उसकी क्षमता को इसलिए मंजूरी दे दी है
आत्मा और अधिक आबादी वाले के रूप में ...
और हमारे स्नेह तो सच है
हमारी दोस्ती के रूप में है ...
लेखक-अज्ञात
अनुवाद - महेंद्र मिश्रा,जबलपुर.
खूबसूरत मित्रता
इस दिन इस बिंदु मैं तुम से मिला नहीं था
लेकिन उस दिन मैं तुम्हारे साथ साँझा करने के लिए विद्वान
मेरी खुशी और गम.
जब मैं मुझ में पैदा हुई दोस्ती की भावना.
मुझे लगता है कि हमारे बीच में पैदा हुआ था
देख सकता था
एक खूबसूरत दोस्ती का एक सपना.
शब्द, जटिल है
वे क्या मतलब जानते है लेकिन जो
यह जो सिर्फ सत्ता की क्षमता है
अपनी ग़लतियाँ और गुणों का मूल्यांकन.
सच्ची दोस्ती है कि नहीं
यह अनन्त उद्देश्य है एक भावना है.
तुम्हारे साथ मेरी दोस्ती इतनी खास है
मुझे लगता है कि इसे महज शब्दों में समझा नहीं पाता हूँ .
जब भी मैं कहना चाहता हूँ
दोस्ती करने के लिए आप पसंद और महत्वपूर्ण दोस्त हैं .
आज तुम मेरे जीवन का हिस्सा हो,
दोस्ती के लिए भगवान का शुक्रिया
और तुम सच के साथ दोस्ती की खोज की.
एक बात है,मुझे कहना है कि मेरी दोस्ती है,
एक शुरुआत,मध्य और कभी खत्म नहीं होगी .
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सुबह
आपकी सुबह इतनी क्या जादुई है
सब परियों के जादू के रूप में ...
अपनी नाराज़गी इतना छोटी है
सबसे छोटी बूंद के रूप में ...
उनके पथ के रूप में स्पष्ट कर रहे हैं
इस नदी के जल में अधिक सपने देखे ...
उनकी वेशभूषा बहुत अच्छी हैं
सबसे महंगी ज्वेल के इच्छा के रूप में ...
उसकी अधीनता इतनी संवेदनशील है
सबसे अधिक प्राकृतिक शहद के रूप में ...
उसकी क्षमता को इसलिए मंजूरी दे दी है
आत्मा और अधिक आबादी वाले के रूप में ...
और हमारे स्नेह तो सच है
हमारी दोस्ती के रूप में है ...
लेखक-अज्ञात
अनुवाद - महेंद्र मिश्रा,जबलपुर.
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