5.10.08

आइये अब मिलिए इन जबलपुरिया हनुमानों से जो अपनी अभिनय कला से जनमानस का मन मोह लेते है .

सप्त चिरजीवितो में से एक हनुमान जी रामलीला के मुख्यनायक श्री राम के अनन्य प्रिय पात्र है . श्री हनुमान स्वामी भक्ति की अप्रतिम मिसाल है . केसरीनंदन की क्रपा से बढ़कर कलयुग में दूसरा कोई आधार नही है . हनुमान के वगैर रामायण अधूरी रहती पर रामायण में केसरीनंदन की उपस्थिति रामायण कथा को और भी रोचक बना देती है . पिचले अंक में मैंने जबलपुर संस्कारधानी में चल रही रामलीलाओं में रावण की भूमिका निभाने वाले पत्रों के सम्बन्ध में जानकारी दी थी आज मै संस्कारधानी में रामलीलाओं में हनुमान के पात्र का दायित्व निभाने वाले कलाकारों की फोटो सहित जानकारी प्रस्तुत कर रहा हूँ . आइये अब मिलिए इन जबलपुरिया हनुमानों से जो अपनी अभिनय कला से जनमानस का मन मोह लेते है .


श्री राम और वानर सेना लक्ष्मण सहित



राजेश तिवारी श्री गोविन्दगंज रामलीला में हनुमान के पात्र का अभिनय निभा रहे है.



श्री गोविन्दगंज रामलीला समिति जबलपुर

राजेश तिवारी चार वर्षो से इस समिति में हनुमान का अभिनय कर रहे है. उनका कहना है की हनुमान भक्ति से सब कुछ आसान हो जाता है . आप बी.सी.ए. द्वतीय वर्ष के छात्र है . गत वर्ष उनके पिता पैरालाइसिस से पीड़ित हो गए थे तो उन्होंने हनुमान जी से प्राथना की तो उनके पिता अच्छे हो गए. . पढ़ाई के साथ मंचन करना पड़ता है जो श्री राम की कृपा से पूरी हो जाती है . इस रामलीला समिति की स्थापना १६५ वर्षो पूर्व की गई थी . संस्कार धानी की सबसे एतिहासिक पुरानी रामलीला समिति मणि जाती है .



श्री धनुष यज्ञ रामलीला समिति सदर जबलपुर हनुमान का अभिनय श्री अग्निहोत्री जी
श्री रामलीला समिति सदर जबलपुरयहाँ का अग्निहोत्री परिवार के सदस्य दो पीढियो से हनुमान के पात्र का निर्वहन कर रहे है . यह परिवार इसीलिए भी प्रसिद्द है कि पिता हनुमान का और बेटा राम की भूमिका निभा रहे है .



श्री रामलीला समिति अधारताल जबलपुर




हे रावण तू राम का दास बनेगा तो अप्सराएँ निरखेगी...अन्यथा मरेगा मधांत तेरी लाश पर मख्खियाँ भिनकेगी .
रावण को समझाईश के लिए बोले गए हनुमान के इस संवाद से मंच पर सन्नाटा खिच जाता है . हनुमान का रोल श्री मनमोहन पांडे निभा रहे है वे पिछले २० वर्षो से इस रामलीला समिति में परसुराम सहित कई पत्रों का अभिनय कर चुके है . आप पेशे से उच्च न्यायलय में अधिवक्ता है .



श्री गिरिजाशंकर रामलीला समिति धमापुर में हनुमान के पात्र के रूप में श्री शिवमणि मिश्रा जी
श्री गिरिजाशंकर मन्दिर रामलीला समिति धमापुर जबलपुर

इस समिति में हनुमान की भूमिका श्री शिवमणि मिश्रा निभाते है . आप पेशे से शिक्षक है . श्री मिश्रा दस वर्षो से परसुराम और श्री हनुमान के पात्र का अभिनय कर रहे है . आपकी भगवान में आस्था है . व्यस्तता के बावजूद वे इस काम को भगवान का काम समझकर समय निकाल लेते है . आपकी बचपन से रामलीला में रूचि है. प्रभु श्री राम का गुणगान करते हुए कहते है " प्रभु रघुनाथ है दयानिधि वे अपनों को अपनाते है जो उनके शरणागत हो उसे गले लगाते है . उनसे मिलने की राह यही विश्वासी हो जाओ भइया . मंत्रो से जैसे सिन्धु आ जाते है कलश में है . भावना जो निर्मल हो तो भगवान भी भक्त के वश में आ जाते है "


श्री रामलीला समिति गोकलपुर जबलपुर हनुमान के पात्र का अभिनय करते भाई मगन लाल
श्री हरिहर रामलीला समाज गोकलपुर जबलपुर
श्री मगन लाल यादव इस समिति में अच्छी कद काठी के कारण हनुमान के पात्र का अभिनय कर रहे है वे बीस वर्ष से रामलीला समिति से जुड़े है . यह रामलीला समिति ९९ वर्षो पूर्व से स्थापित है .







श्री रामलीला समिति जबलिपुरम में हनुमान की भूमिका में श्री अभिषेक
श्री रामलीला समिति गढा जाबलिपुरम जबलपुर
पंडित अभिषेक शर्मा दरअसल पांडित्य के जरिये अपनी जीविका चलाते है . हनुमान के रूप में वे सातवी बार अपनी कला का प्रदर्शन करने जा रहे है . बताते है कि वे चार साल की उम्र में बजरंग बलि बने थे. उछलने कूदने के कारण उनके पैर में फैक्चर हो गया था . डाक्टरों ने बेडरेस्ट कि सलाह दी थी . पर उन्होंने श्री हनुमान जी के सामने एक नारियल रखकर प्राथना कि थी तो चमत्कारिक रूप से तत्काल उनके पैर से दर्द गायब हो गया फ़िर वे हनुमान बनकर मंच पर जमकर उछले कूदे . उनकी कद काठी हनुमान के पात्र के अनुरूप है . चाहे संजीवनी बूटी का प्रसंग हो या अहिरावन की कैद से राम लक्ष्मण को छुडाने का द्रश्य हो वे राम और लक्ष्मण इन दोनों पात्रो को अपने कंधे पर बैठाकर मंच पर अदभुत सम्मोहन पैदा कर देते है .

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4.10.08

तेरे चेहरे पर मेरी झलक कोई न देख ले, कसम है तेरे अश्को को शंकर बन पी लूँगा.

मेरा शहर है पत्थरो का फरियाद न कर
यार मेरे समय को तू बरबाद न कर.

यार बहुत बेहतर तन्हा दिल है.. मेरा
नाशाद हो जाएगा प्यार में दिल..मेरा.

मै मर जाऊंगा अपनी निगाहें न फेरो
किधर जायेंगे गर तुम साथ छोड़ दोगे.

तेरी जुल्फों का साया रहे मेरे चेहरे पर
गर जिंदगी मेरी फ़िर से संवर जायेगी.

गर किनारा न मिले भटकती कश्ती को
सब कुछ मिला पर तेरा साथ नही मिला.

मेरे कदम अब शोहरत की बुलंदी पर है
पर मेरी बांहों को तेरा सहारा न मिला.

तुम हमेशा खुश नसीब रहो दुआ है मेरी
यार जी लूँगा मै हंसकर तेरी जुदाई में.

तेरे चेहरे पर मेरी झलक कोई न देख ले
कसम है तेरे अश्को को शंकर बन पी लूँगा.

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3.10.08

रामलीला : अब मिलिए संस्कारधानी जबलपुर शहर के रावणों से

अब मिलिए संस्कारधानी जबलपुर शहर के रावणों से दशकंधर की लोकप्रियता निर्विवाद है . दक्षिण में उसे शिव आराधक व पांडित्यगत विशिष्ट गुणों की वजह से विशिष्ट पूज्य स्थान प्राप्त है . उत्तरभारत में वह अच्छा पात्र नही माना जाता है . इन सबके बावजूद जहाँ तक रामलीला का प्रश्न है आसुरी प्रवृति अंहकार और क्रोध के प्रतीक रावण के बिना दैवीय सदगुणों का महत्त्व स्थापित करना संम्भव नही है . किसी भी कहानी में या कथा में जबतक नकारात्मक चरित्र न हो तो दर्शक रोमांचित नही होते है .



मुझसा योद्धा मुझसा पंडित त्रिलोक में न कोई दूजा है
अपने शीशो को काट - काट मैंने शंकर को पूजा है


अब मिलिए संस्कारधानी जबलपुर शहर के रावणों से


हिन्दी नेट पर आप बहुत कुछ पढ़ते देखते है पर आस्था से जुड़े किस्से प्रसंग बहुत कम देख पढ़ पाते होंगे. नवरात्र के पर्व के साथ देश में रामलीला मंचन की धूम शुरू हो गई है . हर कथा कहानी या अन्य नाटको के मंचन को जनसमुदाय काफी पसंद करता है . मैंने भी सोचा कि मै अपने ब्लॉगर भाई बहिनों को जबलपुर रामलीला के रावणों और उनके पात्रो से परिचित करा दूँ . इस समय इन रावणों की बड़ी धूम चल रही है देखिये



श्री रामलीला समिति गोविन्दगंज - रावण के किरदार का रोल निभा रहे है श्री प्रमोद बाजपेयी

भगवान ने बचाया ब्रेन हेमरेज से

संस्कारधनि जबलपुर में गोविन्द गंज रामलीला का मंचन सन १८६५ से किया जा रहा है . इस समिति में रावण का किरदार निभा रहे खमरिया फेक्टरी में नौकरी करते है . सन २००६ में उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था और उनका कहना है कि ईश्वर के आशीर्वाद से वे अच्छे हो गए . जबलपुर त्रिमूर्ति नगर निवासी श्री बाजपेई २३ वर्षो से इस रामलीला समिति से जुड़े है . राम का मंच पर असल विरोधी होने पर भी श्री बाजपेई असल जिंदगी में राम के अनन्य भक्त है . रामलीला की सम्रद्ध परम्परा में रावण का किरदार सबसे सशक्त माना जाता है .

श्री रामलीला समिति गढा जबलिपुरम - रावण के चरित्र को निभाते है श्रीकृष्ण शुक्ला
इस समिति से श्री शुक्ला जी २० वर्षो से जुड़े है . गढा निवासी श्री शुक्ला जी रोअगार कार्यालय में कार्यरत है . उनकी कद काठी दशानन के पात्र के लिए उपयुक्त है . रंगमंच जबलपुर के माध्यम से अपनी अभिनय कला के जलवे बिखेर रहे है . आप एक अच्छे रंगमंच कलाकार है .





श्री राघवेन्द्र रामलीला समिति झंडा चौक पुरवा - रावण के पात्र का निर्वहन कर रहे है श्री देवशंकर अवस्थी
श्री अवस्थी इस रामलीला समिति से गत ३२ सालो से जुड़े है और रावण के किरदार का रोल पिछले २४ सालो से बखूबी निभा रहे है . जव वे मंच पर जाते है उनकी रौबोली आवाज के मध्य दर्शको में श्वशारोधक वातावरण स्पष्ट देखा जा सकता है . उनके संवाद की एक झलक ........
अब अच्छा अवसर मिला है मै उनकी सारी नारियां चुराऊंगा और नर है तो उनसे अपना बदला ले लूँगा .
दमदार आवाज के कारण वे इस रोल को बखूबी से निभा रहे है .


श्री झंडा चौक रामलीला समिति पुरवा जबलपुर में रावण के पात्र का निभाने वाले श्री देवशंकर अवस्थी ने विगत वर्ष मानवहित में नेत्रदान करने का सराहनीय संकल्प लिया .







श्री गिरिजाशंकर मन्दिर रामलीला धमापुर - रावण का किरदार श्री महेंद्र शुक्ला निभाते है
रावण बनने वाले श्री शुक्ला जी कहते है कि बार वे रामलीला में सीता का हरण कर ले जा रहा था कि मंचन के दौरान उनकी नकली दाढी सीता की साडी के पल्लू में फंसकर फौरन निकल गई थी . दर्शको ने भी खूब ठहाके लगाये थे . उसके बाद से रामलीला का मंचन शुरू होने के छह माह पहले से शुक्ला जी अपनी असली दाढ़ी बढ़ाना शुरू कर देते है . वे बाई के बगीचा घमापुर रामलीला में गत पन्द्रह सालो से रावण के पात्र का अभिनय कर रहे है .



श्री धनुष यज्ञ रामलीला समिति सदर - रावण के पात्र का अभिनय करते है श्री सीता राम कुरचानिया
श्री कुरचानियाँ मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल के सेवानिवृत कर्मचारी है . वे अपनी बुलंद आवाज के लिए जाने जाते है और प्रदेशस्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके है . वे सन १९८२ से इस रामलीला समिति से जुड़े है .



जबलपुर अधारताल रामलीला समिति के रावण श्री अजीत केवट.