20.10.09

भाई बहुत हो गया अब कुछ जोग मोग भी जरुरी है ......

टीचर ने क्लास में ताऊ जी और महाताऊ श्री जी को कुत्ते पर निबंध लिखने को कहा . एक घंटे के बाद टीचर ने ताऊ जी और महाताऊ श्री जी दोनों के निबंध चैक किये तो उन्होंने यह पाया की दोनों ने एक से निबंध लिखे है . टीचर ने दोनों को डांट कर कहा - क्या तुम दोनों ने एक दूसरे की नक़ल मार कर निबंध लिखा है सच सच बताओ ?
ताऊ जी और महाताऊ श्री ने एक साथ उत्तर दिया - सर दरअसल हम दोनों का कुत्ता एकही है .

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एक कैदी - भाई शक्लें भी बहुत धोका देती है एक बार एक साहब मुझे दिलीप कुमार समझ बैठे .
दूसरा कैदी - ठीक कह रहे हो एक बार एक सज्जन मुझे देखकर अटल बिहारी बाजपेई का धोका खा गए .
तीसरा कैदी - अजी यह तो कुछ भी नहीं है . मै जब चौथी बार जेल गया तो जेलर सर पकड़कर बोला " हे भगवान तुम फिर आ गए .

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अधिकारी अपने सहायक से - " मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई की तुम रेस में जीत गए हो . दफ्तर के समय तुम इतनी होशियारी दिखाया करो तो निश्चय तरक्की पा सकते हो .
सहायक - " दफ्तर के समय जीता था सर " .
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एक मित्र दूसरे मित्र से यार मेरे यह मेरे सबसे करीबी मित्र की कब्र है बेचारे के पास जो कुछ था वह सब अनाथ आश्रम को जाते जाते दान कर गया .
दूसरा मित्र - धन्य है तुम्हारा मित्र वैसे अनाथ आश्रम को क्या दिया था ?
पहला मित्र ने उत्तर दिया - " चार बेटे और तीन बेटियाँ "

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भिखारी ने लडके से कहा - " बेटा एक पैसे का सवाल है "
लड़का - " बाबा मै हिसाब में बहुत ही कमजोर हूँ " .
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एक यात्री - " रेलगाडियां हमेशा ही लेट चलती है तो टाइम टेबिल का क्या उपयोग है ".
दूसरा यात्री - अगर रेलगाडियां समय पर चलने लगे तो इतनी लागत से बने प्रतीक्षलायो का क्या होगा .

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एक आदमी अपने मालिक के सामने हाथ जोड़कर खडा था उसे देखकर मालिक ने कहा - क्या बात है हरिराम ?
हरिराम - हुजूर मै ठेका लेने आया हूँ .
मालिक - किस बात का ठेका लेने आये हो ?
हरिराम - हुजूर मै फूलो का ठेका लेने आया हूँ आपही ने तो कहा था की मेरी लड़की के हँसने से फूल झड़ते है .

19.10.09

मुंशी प्रेमचंद : धन और प्रतिष्ठा की अपेक्षा मुझे देश भक्ति अधिक प्यारी है

अंग्रेजी शासनकाल में मुंशी प्रेमचंद एक प्रसिद्द उपन्यासकार के रूप में स्थापित और प्रख्यात हो चुके थे और अपनी लेखनी के माध्यम से देश में देशभक्ति जगाने का वे कार्य कर रहे थे. उस दौरान अंग्रेजो की यह नीति थी की जैसे भी बने विद्वानों , प्रतिभावानों को सरकार का समर्थक बना लिया जाए . इसके लिए भारतीय युवा जनों को तरह तरह के नौकरी और पद प्रतिष्ठा के प्रलोभन दिए जाते थे इस हेतु तरह तरह के जाल-जंजाल बुने जाते थे क्योकि अंग्रेजो को ये डर लगा रहता था की ये साहित्यकार कलमकार विद्रोह भड़काने का कारण न बन जाए .

उत्तर प्रदेश के तत्कालीन गवर्नर सर मालकम ने मुंशी प्रेमचंद को अपनी और मिलाने के लिए एक चाल चली . अंग्रेजो के जमाने में राय साहब का खिताब सबसे बड़ा राजकीय सम्मान माना जाता था . कई विद्वान प्रतिभावान जिनका मनोबल कमजोर था इस खिताब को पाने को अपना सम्मान समझते थे . मुंशी प्रेमचंद को यह समझते देर न लगी की उन्हें यह खिताब क्यों दिया जा रहा है .

एक अंग्रेज द्वारा राय साहब का खिताब और भारी रकम श्री मुंशी प्रेमचंद के घर यह कहकर पहुंचा दी गई की माननीय गवर्नर द्वारा उनकी रचनाओं से प्रभावित होकर यह उपहार भेजा गया है . उस समय मुंशी प्रेमचंद घर पर नहीं थे . घर पहुँचने पर मुंशी प्रेमचंद जी को इस बात की जानकारी मिली . उनकी पत्नी ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की आर्थिक विपन्नता के समय यह खिताब और यह राशिः बड़ा सहारा है .

मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा दुःख व्यक्त करते हुए कहा " एक देश भक्त की पत्नी होते हुए तुमने यह प्रलोभन स्वीकार कर लिया यह मेरे लिए शर्म की बात है" . मुंशी प्रेमचंद तुंरत उस राशि और खिताब को लेकर गवर्नर साहब के पास पहुंचे और यह कहते हुए सहानुभूति के लिए धन्यवाद वह रकम और खिताब गवर्नर साहब को लौटा दिया और कहा आपकी यह भेट मुझे स्वीकार नहीं है , धन और प्रतिष्ठा की अपेक्षा मुझे देश भक्ति अधिक प्यारी है . आपका उपहार लेकर मै देश द्रोही नहीं बनना चाहता हूँ .

16.10.09

सावधान : शो केस में सजी पायरोफिलाइट की मिठाई - किडनी लीवर के साथ ही ब्लड सेल्स का दुश्मन है ये खनिज



कल दिवाली का त्यौहार है स्वाभाविक है की लोग बाग़ पूजन पाठ प्रसाद आदि के लिए मिठाई खरीदते है और इस त्यौहार पर लोग बाग़ मेहमानों की आवभगत मिठाई खिला कर करते है . इस समय बाजारों में होटलों में शो केस मिठाइयों से भरे पुरे है . शो केस में इस समय मिठाइयां भी कुछ इस तरह से सजाकर रखी जाती है की देखकर हर किसी का खाने को जी ललचाता है . इस समय मुनाफाखोर अपनी जेबे भरने के लिए मिठाइयों में भी जहरीले मिलावट करने से नहीं चूक रहे है . हर जगह मिलावट का बाजार सरगर्म है .

मिठाइयों में सिंथेटिक्स खोबा खूब मिलाया जा रहा है और अब मिठाइयों में पायरोफिलाइट नामक खनिज की मिलावट की जा रही है .और इसी मिठाइयां मानव स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद है . पायरोफिलाइट सफ़ेद और नरम होता है और यह एक खनिज है . इस खनिज का रासायनिक नाम एल्यूमिनियम सिलिकॉन हाईड्रोक्साइड है . इसमें एल्यूमिनियम, सिलिकान, हाइड्रोजन और आक्सीजन पाई जाती है . पायरोफिलाइट में १४.४८ प्रतिशत एल्यूमिनियम ३१.१८ प्रतिशत सिलिकान और ०.५६ प्रतिशत हाइड्रोजन रहती है .

पायरोफिलाइट का उपयोग रबर के पिल्स पेंट्स और कीटनाशक बनाने के काम में किया जाता है . यह दो तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है और इसे मिलाने से मिठाई की १५० रुपये हो जाती है . यह खोबे और मिठाई में आसानी से मिल जाता है इसकी पहचान भी करना सरल नहीं है . इस समय शहरों में दुकानदार हजारो टन पायरोफिलाइट मिठाइयों में मिलाया जा रहा है . डाक्टरों द्वारा लोगो को पायरोफिलाइट मिक्स मिठाइयों से बचने की सलाह दी है . पायरोफिलाइट में उपस्थित एल्यूमिनियम जहरीला होता है जो लीवर किडनी और गुर्दे ब्लड सेल्स को भारी हानि पहुंचाता है . किडनी और लीवर डेमेज हो सकते है .

भाई दिवाली पर अधिक मिठाई खाने से बचे और मिठाइयां सोच समझकर खरीदे अन्यथा ये मिठाइयां आपके जीवन को उजाले से अँधेरे की और धकेल सकते है . दिवाली की हार्दिक ढेरो शुभकामनाओ के साथ . आपका भविष्य उज्जवल हो और प्रकाशमान हो .

जनहित में प्रकाशित


रोशनी के पर्व दीपावली पर आपको और आपके परिजनों को हार्दिक शुभकामनाये.




लक्ष्मी कृपा से कुबेर आपके ऊपर प्रसन्न हो और दनादन आपके ऊपर भारतीय करेंसी की बौछार हो .



और आप साल भर यूं ही मुस्कुराते रहे....