29.3.09

27.3.09 को प्रकाशित व्यंग्य - ब्लॉगर बंधु भाई भाई पर हकीकत क्या है यह भी जान ले.


ब्लागिंग जगत में अपने चिकना ब्लॉगर और वैशाखी नाम के दो ब्लॉगर थे जो सारी दुनिया में ब्लागर शिरोमणि बनना चाहते थे . दोनों को अपनी लेखनी पर भंयकर नाज था इसके लिए उन्होंने बड्डे ब्लॉगर और छोटा हाथी नामक ब्लागरो के भगवानो की जमकर पूजा की जिससे दोनों ब्लागरो के भगवान प्रसन्न हो गए और बोले तुम्हे क्या वर चाहिए तो तपाक से वैशाखी ब्लॉगर बोला भगवान आप तो मुझे ब्लॉगर शिरोमणि बनवा दे मै जो लिखू और कहूँ वह स्वयं सिद्ध हो जाये मै जो कहूं वही हो . मै जिसको ब्लॉगर कहूं वह ब्लॉगर माना जाये और जिसको न कहूं वह ब्लॉगर न माना जाये. ब्लॉगर भगवानो ने तथास्तु कहा और उन्होंने अपनी राह पकड़ ली.

यह पोस्ट व्यंग्य - ब्लॉगर बंधु भाई भाई दिनाक 27.3.09 को मेरे द्वारा लिखी गई . इस व्यंग्य पोस्ट में चिकना ब्लॉगर और वैशाखी" ब्लागर नाम काल्पनिक दिए गए गए . ब्लॉगर जगत में वैशाखी नाम का कोई ब्लॉगर नहीं है और न ही वैशाखी व्यक्तिगत नाम है . एक भाई वरिष्ठ ब्लॉगर जबलपुर के गिरीश बिल्लौरे जी द्वारा दिनाक २८.०३.09 को साथ मेरी इस पोस्ट की लिंक के साथ अपनी शारीरिक स्थिति बाबत एक फोटो लगाकर सभी ब्लॉगर भाइओ को एक मेल किया गया है जिसमे कहा गया है कि उन्हें लेकर मेरी पोस्ट लिखी गई है और उन्हें मैंने विकलाग बताया है .

यह मेल श्री गिरीश बिल्लौरे जी द्वारा कई ब्लॉगर भाइओ को प्रेषित किया गया है.

ज़रूरी है की सबको बता दूं कि.........सटायर के बहाने गन्दगी ....?इनबॉक्सX

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GIRISH BILLORE vijaytiwari'5, satpal, Smart, sunita को
विवरण दिखाएँ मार्च २८ (1 दिन पहले) उत्तर दें

व्यंग्य - ब्लॉगर बंधु भाई भाई

का नारा देता यह आलेख कितना मानव अधिकारों का
हनन कर रहा है इसका निर्णय आप सुधिजन ज़रूर करेंगें मुझे यकीन
हैं. जिस ब्लॉग पर किसी की शारीरिक निर्योग्यता का उल्लेख होता है
उसे क्या कहा जाए . आप इस ब्लाग से कितने भी सहमत हों मुझे पीडा
है की इस तरह की पोस्ट आ रहीं हैं जो मानसिक पागलपन की नज़ीर है
कोई मेरे लेखन के बारे में सब कुछ कहे घोर असहमति व्यक्त करे कोई
आपत्ति नहीं क्योंकि "रचना-धर्म" इन्हीं कसौटियों पर कसा जाता है
किन्तु शारीरिक संरचना पर गलीच बातें करना ईश्वरीय सत्ता को
अपमानित करना है
उस पर बंद आँखों से सहमति भी गलत है
ब्लॉगर बंधुओ/बहनों
आप इस ब्लॉग को पढिये और मेरी फोटो देखिए
सब साफ़ हो जाएगा फिर यदि आप मुझे लानतें भेजना चाहतें है ज़रूर भेजिए
इस पत्र के लिए .
सादर शुभकामनाओं के साथ
मैंने गिरीश बिल्लौरे जी नाम भी नहीं लिखा है और उनका नाम भी वैशाखी नहीं है . उनका कहना सरासर गलत है कि उन्हें ही विकलाग बताया जा रहा है जबकि उनका इस पोस्ट में मैंने कही भी जिक्र नहीं किया है . बेहद अफसोसजनक है . दुनिया में और भी ब्लॉगर विकलांग हो सकते है . यदि उनका नाम मै पोस्ट में देता तो मै जबाबदार होता परन्तु यहाँ उनका नाम भी नहीं है जबरन हंगामा कर रहे है और मुझे उल्टा बदनाम करने की कोशिश कर रहे है . आप सभी उनका मेल और मेरी पोस्ट देखे उसमे उनका नाम तक नहीं है फिर क्यों अनावश्यक विवाद कर रहे है यह मेरी समझ से परे है . आप सभी मेरी उक्त पोस्ट का अवलोकन करें और देखे की मै सही हूँ या गलत .

चिठ्ठाचर्चा ने भी इसमें नमक डालकर इस मामले को उठाने में कोई कसर नहीं रखी है . जो चिठ्ठा चर्चा की गई है उसमे हम दोनों शहर के ब्लागरो को समझाईस दी गई है या शहर का मजाक उडाने की कोशिश की गई है जो एक वरिष्ठ ब्लॉगर को शोभा नहीं देता है कि किसी मामले को टूल देना शायद मजाक करना उनकी आदत है . मैंने यदि कुछ व्यंग्य लिखने की कोशिश की तो उक्त ब्लॉगर ने मेरे शहर के व्यंगकार हरिसंकर परसाई जी का नाम लिया और अपनी पोस्ट में लिखा कि वह व्यंग्यकार बन रहा है दुनिया को व्यंग्य सिखा रहा है जबकि मै कोई व्यंगकार नहीं हूँ .

इस प्रकार जो भद्दे आक्षेप लगाकर बदनाम किया गया उससे मै आहत हुआ हूँ . मेरी समझ में नहीं आता है कि मेल में यदि कोई फोटो और लिंक लगा दे और कहे यह मेरे लिए लिखी गई पोस्ट है जबकि उसका नाम तक नहीं दिया गया है यह वेबजह जबरन सींग लड़ाने वाली बात है . आप स्वयम मेरी पोस्ट का अवलोकन करे कि कौन गलत और कौन सही है . जबरन चरित्र हनन करना कहाँ तक उचित है.

नर्मदे हर हर हर महादेव