15.9.08

आज के लतीफे : एक अनाम जी की रचना

एक ब्लॉगर ने दूसरे ब्लागर को टिप्पणी प्रेषित की तो दूसरे ब्लॉगर ने
प्रतिउत्तर में कहा कि मै मूर्ख ब्लागरो को टिप्पणी प्रेषित नही करता हूँ
पहले ब्लॉगर ने उत्तर दिया - मै तो प्रेषित करता हूँ.

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ब्लॉगर अपनी पत्नी से - तुम मुझे हर समय फिजूल खर्च करने के ताने
मारती रहती हो कोई ऐसी बेकार की चीज बताओ जो मैंने खरीदी हो ?
पत्नी - पिछले साल एक फायर फाइटर खरीद लाये थे जो अब तक एक
बार भी काम में नही आया .

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नबाब साहब भी मेरे पिता के सामने सर झुकाया करते थे .
कौन थे तुम्हारे पिता ?
जी शाही हज्जाम हुजूर
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प्रेमिका प्रेमी से - मै तुम्हारे पत्रों की टिकटों को खूब चूमा कराती हूँ
क्योकि मै जानती हूँ की कभी उन टिकटों को तुम्हारे होठो ने
छुआ होगा
प्रेमी - वो तो सब ठीक है तनिक मेरी वेबकूफी पर भी विचार करो
उन टिकटों पर मै थूक लगाकर गीलाकर टिकटों को उन पत्रों पर
चिपकाया करता था .

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ब्लॉगर दंपत्ति स्टेशन पर पहुंचे कि ट्रेन छूट गई .
ब्लॉगर पति अपनी पत्नी से - तुम अगर जल्दी तैयार हो जाती तो
हमें गाड़ी मिल जाती .
ब्लॉगर पत्नी - अगर तुम जल्दीबाजी न करते तो हमें अगली ट्रेन
के लिए इतनी देर इंतजार नही करना पड़ता .

अंत कुछ और कही से एक अनाम जी की रचना जो मुझे बेहद मनपसंद है -

झुटपुटा वक्त है बहता हुआ दरिया ठहरा
सुबह से शाम हुई दिल हमारा न ठहरा.

बस एहसास है कि कोई मेरे साथ है
वरना तन्हा जीने की ख्वाहिश किसे है.

जरा सा दर्द सीने में जागा तो आंखे खुल गई
दिल में कुछ चोटे उभर आई तो आंसू आ गए.

दिल की हालत की तरफ़ किसकी नजर जाती है
इश्क की तमाम उम्र तमन्ना में गुजर जाती है .

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14.9.08

बढ़ती आतंकवादी घटनाये : जिम्मेदार जागरुक नागरिक की भूमिका का निर्वाह करे.

हमारे देश में दिन प्रतिदिन आतंकवादी घटनाये घटित हो रही है और हजारो बेगुनाह निरीह नागरिको को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है . कभी मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट तो कभी गुजरात के क्षेत्र में तो कभी देहली में हो रहे है . कल ही देहली में अचानक हुए बम ब्लास्ट में करीब ३० लोगो की मौत हो गई और १०० लोग घायल हो गए . कल दिल्ली में १५ सितम्बर को अन्तराष्ट्रीय आतंकवाद पर सेमीनार होने जा रहा है पर उसके दो दिनों पूर्व देश की नाक राजधानी देहली में ६ बम विस्फोट कर अपने नापाक इरादे जाहिर कर दिए है . इन बम विस्फोटो से सारा देश दुखी है और इस मसले पर चर्चा का दौर शुरू हो गया है कोई सुरक्षा व्यवस्था को दोष दे रहा है तो कोई दूसरा और किसी पर दोष मढ़ रहा है .

पर आपने कभी अपने बारे में सोचा कि आप देश के जिम्मेदार नागरिक होने की हैसियत से देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या योगदान दे रहे है ?

आज मैंने एक समाचार पत्र में पढ़ा कि दिल्ली के इंडिया गेट में एक कूड़ा-करकट बीनने वाले की सजगता से सैकडो लोगो की जाने बच गई और महाराष्ट्र के रहने वाले इस युवक ने कूडेदान में से बम निकाल कर पुलिस वालो को दिया . यह प्लास्टिक बम था बाद में पुलिस वालो ने उस बम को डीफ्यूज किया और अपनी पीठ थप थ प् ली और वाहवाही लूट ली . बेचारे उन युवको की किसी ने परवाह भी नही की जिनकी वजह से सैकडो लोगो की जाने बच गई . इन युवाओ की जितनी भी सराहना की जावे कम है वे युवक सराहना के पात्र है .

मामला आतंकवाद का हो या हिंसा या किसी अपराधिक घटनाओ का हो . घटना घटित होने पर हम क्या सभी प्रशासन पर सुरक्षा व्यवस्था पर उंगली उठने लगते है और उनकी भूमिका पर सवाल खड़े करने लगते है . सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी लोग हमारी तरह इंसान होते है . छल कपट के कारण आतंकवादी अपराधी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते रहते है .

राजनीतिक परिवेश में अपराधियो को पकड़ना साधारण कार्य नही है ऐसे माहौल में चुस्त दुरस्त सुरक्षा व्यवस्था अपने सही काम को समय पर अंजाम नही दे पाती है . उपर से भ्रष्टाचार का दलदल का साम्राज्य है . जिस प्रकार हम अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखते है ठीक उसी प्रकार हमें एक जिम्मेदार नागरिक होने की हैसियत से पूरे समाज की सुरक्षा होने का भी अहसास होना चाहिए . आप भी जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपने आसपास नजर तो रख सकते है . मुहल्ले में बाहर कूडेदान पर भी पैनी नजर रखे कि आसपास कोई संदिग्ध वास्तु तो नही या संदिग्ध व्यक्ति तो नही घूम रहा है . आपको लगे कि कोई लावारिस वस्तु संदिग्ध अवस्था में पड़ी है तो फौरन पुलिस को सूचित करे . इस तरह सजग रहकर काफी हद तक आतंकवादियो पर अंकुश लगाया जा सकता है . विदेशो में आतंकवाद की बहुत ही कम घटनाये घटित होती है उसका मूल कारण है कि वहां के लोगो का सजग और अधिक जागरुक रहना है और उसके साथ साथ वहां की सुरक्षा व्यवस्था भी सजग जागरुक चुस्त दुरस्त है और ऐसे मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप भी नही होता है .

गायत्री परिवार के पूज्यदेव गुरुदेव कहा करते थे कि " जब हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा "

जब देश का आम आदमी देश समाज की सुरक्षा के प्रति सजग और जागरुक रहेगा तो प्रशासन भी सजग और जागरुक हो जावेगा . देश में अब समय आ गया है कि हम सुरक्षा एजेसी और अन्य व्यवस्था पर दोषारोपण करना छोड़कर आतंकवाद से निपटने के लिए समाज के सुरक्षा के लिए ख़ुद सजग हो जावे जिससे निरीह जाने जाने से बचे और अपने जिम्मेदार नागरिक होने के दायित्व का निर्वहन करे यही इन असामयिक घटनाओ में मारे गए लोगो के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी .
कल की घटना से दुखी होकर यह पोस्ट लिख रहा हूँ .

महेंद्र मिश्रा
जबलपुर.

13.9.08

आओ खुल गई है टिप्पणी कार्नर की भारी भरकम दुकान अब आपके शहर में

डुग डुग डुग डुग डुग

डुग डुग डुग डुगडुगी बज रही है और डुगडुगी बजाने वाला भारी आवाज में जोर जोर से चिल्ला कर कह रह है आओ आओ अब खुल गई "टिप्पणी कार्नर" की भारी भरकम दूकान अब आपके शहर में.

मुन्ना भी आओ मुन्नी भी आओ कालू भी आओ और लालू भी मिंटू पिंटू भी आओ और सिंटू भइया भाई आओ अब टिप्पणी के लिए अब निराश होने की जरुरत नही है अब ब्लॉगर भाई बहिन और नवब्लागर ध्यान दे कि वे पोस्ट लिखते है तो उनकी पोस्ट को टिप्पणी नही मिलती है या वे खूब दूसरो को खूब टिप्पणी देते है पर उन्हें कोई टिप्पणी नही देता है बस अब आज से कही जाने की जरुरत नही है अब आपको सब कुछ टिप्पणी कार्नर की छ त के नीचे मिल जावेगा और न कही भटकने की जरुरत है .

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कभी आओ तो हमारे मशहूर "टिप्पणी कार्नर" में आये और तरह तरह की देशी विदेशी छोटी बड़ी मझौली लम्बी गोरी कारी कलूटी टिप्पणी देखे . हमारे यहाँ "टिप्पणी कार्नर" में ग्राहकों के लिए छोटे बड़े ब्लागरो की टिप्पणियो को सहेज कर फ्रिज में रखा जाता है आप यहाँ उनका स्वाद ले सकते है और यदि आपको टिप्पणी पसंद आये तो कापी कर पेस्ट कर सकते है.

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हमारे टिप्पणी कार्नर में में पुरानी घटिया टिप्पणी की खरीद भी की जाती है और बदले में पुरानी टिप्पणी को नया जामा पहिनाकर ग्राहकों की खास फरमाईस पर ब्लॉग की प्लेट में परोसकर पेश की जाती है . एक टिप्पणी के बदले दो और चार टिप्पणी के बदले बहुत बड़ी टिप्पणी दी जाती है यदि आपको पुरानी पसंद आये तो आप पुरानी टिप्पणी खरीद सकते है .

हमारे यहाँ नए ब्लागरो को पुराने ब्लागरो की टिप्पणी बाक्स में से टिप्पणी हैक करने की ट्रेनिंग दी जाती है .और एक धंटे में १०० ब्लागों को जल्दी जल्दी टिप्पणी प्रेषित करने की मेगा ट्रेनिंग दी जाती है जैसे किसी ब्लॉग का टिप्पणी बाक्स खोलकर देखे फ़िर किसी की टिप्पणी की कापी कर तुंरत अपने नाम से टिप्पणी प्रेषित कर दे आदि . टिप्पणी डिजाइनिंग की ट्रेनिंग में महारत हासिल विशेषज्ञों की सेवाए चौबीसो घंटे आप प्राप्त कर सकते है . गरम टीप ठंडी टीप लिखने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है .

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हर साइज की टिप्पणी के रेट अलग अलग है आप अपनी जेब की अहमियत के अनुसार टिप्पणी खरीद सकते है.

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सुनो सुनो त्योहारों पर कुछ खास आफर सिर्फ़ हमारे "टिप्पणी कार्नर"में

एक टिप्पणी दो और बदले में चार टिप्पणी ले जाओ यह बम्फर मेगा छूट सिर्फ़ दिवाली तक ही है अतः जल्दी आवे और जल्दी पावे नही तो बहुत पछतायेंगे.

रिमार्क- ग्राहकों की मांग पर बम्फर मेगा छूट की सीमा बढाई जा सकती है

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व्यंग्य