1.10.08

जोग टाइम : मस्ती भरे ठिलठिले .....

जोग टाइम : मस्ती भरे ठिलठिले .....

एक टीचर अपने छात्रों को पढ़ा रहा था उसी बीच एक छात्र ने पूछा
सर आदमियो की मूंछे क्यो होती है ?
मास्साब बड़े चक्कर और उलझन में पड़ गए कि अब क्या जबाब दे
बोले यह प्रकृति का नियम है कि आदमी की मूंछे होती है . तब छात्र
बोला सर मै बताता हूँ कि आदमी की मूंछे क्यो होती है .
जिस प्रकार हम लिखते है और कोई महत्वपूर्ण चीज को अंडर लाइन
कर देते है . ठीक उसी प्रकार आदमी की नाक बड़ी महत्वपूर्ण होती है
इसीलिए भगवान ने मूंछे बनाकर नाक को अंडर लाइन कर दिया है .
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पुत्र माँ से - दे ख माँ जब मै पैदा न हुआ था तब तू ने मुझे देखा नही
था .
माँ - हाँ बेटा
पुत्र - तब तुमने मुझे पहचाना कैसे ?
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पुत्र - पिताजी एक मूंछो वाला व्यक्ति बाहर खड़ा है .
पिता - जाकर उससे कह दो हमें मूंछो की जरुरत नही है .
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टीचर - दो शादी करने के क्या परिणाम होते है ?
छात्र - एक समय में दो मालिको के आदेश माने नही जा सकते है .

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29.9.08

उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी (पंखविलाब) के बारे में जाने.

एक ख़बर के मुताबिक स्तनधारी उड़ने वाली गिलहरी (पंख बिलाब) उमरिया जिले में लोगो के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है . बांधवगढ़ के दक्षिण में मैकल पठार के जंगलो में इस स्तनधारी दुर्लभ गिलहरी को देखने के लिए भारी संख्या में पक्षी प्रेमी जा रहे है . यह चमगादड़ की माफिक उड़ती है . वन्य जीव प्रेमियो के अनुसार यह दुर्लभ पक्षी सिर्फ़ मध्यभारत में पाया जाता है . देशभर में उड़ने वाले स्तनधारी पक्षियो की संख्या कम है . डिन्डोरी और उमरिया में इनकी मौजूदगी से सभी उत्साहित है . गिलहरी जैसे आकार का यह पक्षी चमगादड़ जैसे पंख लिए हुए है और इसे पंखविलाब भी कहा जाता है . .







यह सूर्यास्त के समय हलकी रोशनी हो तब निकलती है . दिन और रात में यह पेडो की डाली पर छिपाकर बैठी रहती है . एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर उड़कर जाती है . इसके तेज नुकीले दंत शिकार में मदद करते है . वन्यजीव विशेषज्ञों ने जानकारी दी है कि यह उत्तर भारत में दूसरी प्रजाति है . जबलपुर के जूलाजी म्युजिंयम में इसकी प्रतिकृति (अवशेष) मौजूद है . देखने में सुंदर यह उड़ने वाली गिलहरी १५०० फीट तक उडान भर सकती है . मध्यप्रदेश में यह प्रजाति बालाघाट और बांधवगढ़ में पाई जाती है .


फोटो अखबार से साभार-

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28.9.08

आज विश्व ह्रदय दिवस पर सचित्र कुछ शायरियां

मेरा दिल खुदा करे उनके दिल से न जाए
इसी दिल के बहाने मुलाकात होती रहेंगी .


सुबह नही शाम नहीमेरे इस दिल को आराम नही
लव पे तेरा नाम अमर है और किसी का नाम नही

कुछ खटकता तो है मेरे पहलू में रह रह
अब खुदा जाने तेरी याद है है या दिल मेरा .




हार्ट जब तक धड़कता रहेगा तब तक आपका जीवन सुरक्षित रहेगा इसे सुरक्षित रखे.



नोट करे.
(फोटो गूगल से साभार)
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