7.10.08

अब मिलिए जबलपुर रामलीला में भरत शत्रुधन बनने वाले पात्रो से

जबलपुर शहर में इन दिनों रामलीला की धूम मची हुई है बर्तमान में इस शहर में नौ रामलीला समितियां सक्रिय है . इन रामलीला समितियों में एक से बढ़कर एक कलाकार अपनी अभिनय प्रतिभा की दम पर जनमानस का मन मोह लेते है . पिछली पोस्टो में इन रामलीलाओ में रावण पात्र के रूप में अभिनय करने वाले कलाकारों के बारे में और हनुमान पात्र का अभिनय करने वाले कलाकारों के बारे सचित्र जानकारी दी थी . विविध भारती मुंबई के ब्लॉगर युनूस खान जी की फरमाईस पर गोविन्दगंज रामलीला समिति में भरत और शत्रुधन के पात्रो का अभिनय करने वाले कलाकारों के बारे में फोटो सहित जानकारी दे रहा हूँ . गोविन्दगंज जबलपुर शहर की रामलीला १६५ वर्ष पुरानी है और इसका एतिहासिक महत्त्व है .

भरतहि धरम धुरंधर ज्ञानी
निज सेवक तन मानस बानी
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सुधि पाठको आज इन कलाकारों के पारंगत अभिनय के क्षेत्र धुरंधर कलाकारों के बारे में जानकारी दे रहा हूँ . अवधपुरी के चारो भाइओ में से राम लखन सीता के साथ वनागम करने गए . श्री राम के वनवास पर जाने से अयोध्या नगरी विचलित हो गई . भरत और शत्रुधन दोनों भाई प्राणों से प्रिय अपने भाई राम लक्ष्मण और जानकी सीता के वनवास पर जाने के साथ राजपाट संभालने का कार्य कैकयी सुत भरत के कंधे पर आ पड़ा. भरत ने श्री राम की पादुकाओं कों सिंघासन पर रखकर राजसुख होने के बाबजूद १४ वर्षो तक रघुवंश के सिंघासन पर रखा और तपस्वी सा जीवन जिया .
चित्रकूट में भरत श्रीराम से मिलाप मुलाकात करने के लिए दौड़ पड़े थे . भरत मिलाप का अदभुत प्रसंग है . चलिए मिलते है कलाकारों से.

श्री गोविन्द गंज रामलीला जबलपुर





भरत का रोल १३ वर्षीय आदित्य दुबे कर रहे है . वे कक्षा आठवीं के छात्र है . वे कहते है की इस पात्र कों निभा कर उन्होंने बडो का आदर करना सीखा .







शत्रुघ्न का अभिनय कक्षा सातवीं के छात्र अंकित मिश्रा कर रहे है . उनका कहना है कि वे अपने भाई की प्रेरणा से अभिनय के क्षेत्र में आए है .


गोकलपुर रामलीला समिति ९९ वर्षो से है इसका अपना ऐतिहासिक महत्त्व है .


१६ वर्ष के राहुल शर्मा भरत के पात्र का अभिनय कर रहे है . यह रामलीला सफल मंचन और सशक्त अभिव्यक्ति के लिए जानी जाती है . राहुल कों बचपन से ही अभिनय का शौक है .



१२ वी कक्षा के छात्र अनुराग पांडे शत्रुधन का अभिनय कर रहे है और बताते है कि उन्होंने अभिनय कला अपने पिता और ताऊ से सीखी है . वे रामलीला समिति में सभी पात्रो का अभिनय कर चुके है .


सत्य पर विजय का प्रतीक है दशहरा









शहर जबलपुर संत बिनोबा द्वारा संबोधित " संस्कारधानी " के नन्हे मुन्नों ने असत्य के प्रतीक रावण का दहन किया और विजयौल्लास मनाया . इस समय शहर कि धार्मिक फिजां एक श्रद्धा की लहर बस देखते ही बनती है . यह सब देखकर बस कहते ही बनता है कि जबलपुर संस्कारो और कलाकारों का गढ़ है जहाँ एक से एक बढ़कर नए कलाकार पनपते है .


जय श्री राम
जय अम्बे माँ रानी भवानी जगदम्बे
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यह कड़ी दशहरा तक जारी रहेगी ......

6.10.08

हमें फ़िर से उन्हें गुनगुनाने में मजा आने लगा.

एक आशियाना सजाने में मेरी हस्ती मिट गई
उन्हें हालेगम सुनाने में तमाम उम्र गुजर गई
देखिये वो..एक पल में फ़िर से बेगाने हो गए
कई कई बरस लग गए उन्हें अपना बनाने में.

मेरे दिले गम पर कहकहे लगाए थे सभी ने
हमें सारे ज़माने में मुझे एक भी हमदर्द न मिला
गीत गजल.. जब मेरे अश्को पर ढल गए यारा
हमें फ़िर से उन्हें गुनगुनाने में मजा आने लगा.

कोई तो अपनी है जो मुझे अपने पास बुलाती है
यूँ बुलाती है मुझे वो मेरी प्यारी अपनी तो है
यारब उनका रहमो करम कैसे दिल से भुला दूँ
जो मुझे अपने आगोश में गहरी नींद सुलाती है.

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5.10.08

आइये अब मिलिए इन जबलपुरिया हनुमानों से जो अपनी अभिनय कला से जनमानस का मन मोह लेते है .

सप्त चिरजीवितो में से एक हनुमान जी रामलीला के मुख्यनायक श्री राम के अनन्य प्रिय पात्र है . श्री हनुमान स्वामी भक्ति की अप्रतिम मिसाल है . केसरीनंदन की क्रपा से बढ़कर कलयुग में दूसरा कोई आधार नही है . हनुमान के वगैर रामायण अधूरी रहती पर रामायण में केसरीनंदन की उपस्थिति रामायण कथा को और भी रोचक बना देती है . पिचले अंक में मैंने जबलपुर संस्कारधानी में चल रही रामलीलाओं में रावण की भूमिका निभाने वाले पत्रों के सम्बन्ध में जानकारी दी थी आज मै संस्कारधानी में रामलीलाओं में हनुमान के पात्र का दायित्व निभाने वाले कलाकारों की फोटो सहित जानकारी प्रस्तुत कर रहा हूँ . आइये अब मिलिए इन जबलपुरिया हनुमानों से जो अपनी अभिनय कला से जनमानस का मन मोह लेते है .


श्री राम और वानर सेना लक्ष्मण सहित



राजेश तिवारी श्री गोविन्दगंज रामलीला में हनुमान के पात्र का अभिनय निभा रहे है.



श्री गोविन्दगंज रामलीला समिति जबलपुर

राजेश तिवारी चार वर्षो से इस समिति में हनुमान का अभिनय कर रहे है. उनका कहना है की हनुमान भक्ति से सब कुछ आसान हो जाता है . आप बी.सी.ए. द्वतीय वर्ष के छात्र है . गत वर्ष उनके पिता पैरालाइसिस से पीड़ित हो गए थे तो उन्होंने हनुमान जी से प्राथना की तो उनके पिता अच्छे हो गए. . पढ़ाई के साथ मंचन करना पड़ता है जो श्री राम की कृपा से पूरी हो जाती है . इस रामलीला समिति की स्थापना १६५ वर्षो पूर्व की गई थी . संस्कार धानी की सबसे एतिहासिक पुरानी रामलीला समिति मणि जाती है .



श्री धनुष यज्ञ रामलीला समिति सदर जबलपुर हनुमान का अभिनय श्री अग्निहोत्री जी
श्री रामलीला समिति सदर जबलपुरयहाँ का अग्निहोत्री परिवार के सदस्य दो पीढियो से हनुमान के पात्र का निर्वहन कर रहे है . यह परिवार इसीलिए भी प्रसिद्द है कि पिता हनुमान का और बेटा राम की भूमिका निभा रहे है .



श्री रामलीला समिति अधारताल जबलपुर




हे रावण तू राम का दास बनेगा तो अप्सराएँ निरखेगी...अन्यथा मरेगा मधांत तेरी लाश पर मख्खियाँ भिनकेगी .
रावण को समझाईश के लिए बोले गए हनुमान के इस संवाद से मंच पर सन्नाटा खिच जाता है . हनुमान का रोल श्री मनमोहन पांडे निभा रहे है वे पिछले २० वर्षो से इस रामलीला समिति में परसुराम सहित कई पत्रों का अभिनय कर चुके है . आप पेशे से उच्च न्यायलय में अधिवक्ता है .



श्री गिरिजाशंकर रामलीला समिति धमापुर में हनुमान के पात्र के रूप में श्री शिवमणि मिश्रा जी
श्री गिरिजाशंकर मन्दिर रामलीला समिति धमापुर जबलपुर

इस समिति में हनुमान की भूमिका श्री शिवमणि मिश्रा निभाते है . आप पेशे से शिक्षक है . श्री मिश्रा दस वर्षो से परसुराम और श्री हनुमान के पात्र का अभिनय कर रहे है . आपकी भगवान में आस्था है . व्यस्तता के बावजूद वे इस काम को भगवान का काम समझकर समय निकाल लेते है . आपकी बचपन से रामलीला में रूचि है. प्रभु श्री राम का गुणगान करते हुए कहते है " प्रभु रघुनाथ है दयानिधि वे अपनों को अपनाते है जो उनके शरणागत हो उसे गले लगाते है . उनसे मिलने की राह यही विश्वासी हो जाओ भइया . मंत्रो से जैसे सिन्धु आ जाते है कलश में है . भावना जो निर्मल हो तो भगवान भी भक्त के वश में आ जाते है "


श्री रामलीला समिति गोकलपुर जबलपुर हनुमान के पात्र का अभिनय करते भाई मगन लाल
श्री हरिहर रामलीला समाज गोकलपुर जबलपुर
श्री मगन लाल यादव इस समिति में अच्छी कद काठी के कारण हनुमान के पात्र का अभिनय कर रहे है वे बीस वर्ष से रामलीला समिति से जुड़े है . यह रामलीला समिति ९९ वर्षो पूर्व से स्थापित है .







श्री रामलीला समिति जबलिपुरम में हनुमान की भूमिका में श्री अभिषेक
श्री रामलीला समिति गढा जाबलिपुरम जबलपुर
पंडित अभिषेक शर्मा दरअसल पांडित्य के जरिये अपनी जीविका चलाते है . हनुमान के रूप में वे सातवी बार अपनी कला का प्रदर्शन करने जा रहे है . बताते है कि वे चार साल की उम्र में बजरंग बलि बने थे. उछलने कूदने के कारण उनके पैर में फैक्चर हो गया था . डाक्टरों ने बेडरेस्ट कि सलाह दी थी . पर उन्होंने श्री हनुमान जी के सामने एक नारियल रखकर प्राथना कि थी तो चमत्कारिक रूप से तत्काल उनके पैर से दर्द गायब हो गया फ़िर वे हनुमान बनकर मंच पर जमकर उछले कूदे . उनकी कद काठी हनुमान के पात्र के अनुरूप है . चाहे संजीवनी बूटी का प्रसंग हो या अहिरावन की कैद से राम लक्ष्मण को छुडाने का द्रश्य हो वे राम और लक्ष्मण इन दोनों पात्रो को अपने कंधे पर बैठाकर मंच पर अदभुत सम्मोहन पैदा कर देते है .

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