19.11.08
यूँ ही चुपचाप से गुजर गया बहुत चाहने वाला..
शख्स कितना कमजोर था आइना बनाने वाला
जीतता रहा है वो अक्सर पत्थर बनाने वाला.
यूँ ही चुपचाप से गुजर गया बहुत चाहने वाला
महसूस किया पत्थर से मेरा दिल कुचल गया.
उनकी सजी संवरी हुई जुल्फे हाय क्या कहने
मैंने निगाह डाल कर जुल्फों को मैला कर दिया.
न सलाम याद रखना न मेरा पैगाम याद रखना
आरजू है जानी दिल में मेरा नाम याद रखना.
दिल को ठेस लगी है फाड़कर दिखा नही सकते
दिली ठेस को सुनाना चाहे तो सुना नही सकते.
............
15.11.08
*कुछ मस्ती भरे चुटकुले*
एक जेबकट ने एक आदमी की जेब में हाथ डाला और पकड़ा गया
पकड़ने वाले ने जेबकट से कहा - तुम्हे शर्म नही आती है ?
जेबकट - शर्म तो तुम्हे आना चाहिए अपनी जेब में एक रूपया तक नही रखते हो.
***
अध्यापक - बच्चो क्या जानते हो भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह कौन सा है ?
छात्र - जी सर, हमारे घर के पीछे है वहां ढेर बन्दर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूदते देखे जा सकते है.
***
एक गंवार आदमी पहली बार शहर में सिनेमा देखने गया . पिक्चर शुरू होने के पहले सिनेमा हाँल की सारी बत्तियां बुझा दी गई . यह देखकर वह गंवार आदमी चकित रह गया और वह दौडा दौडा सीधे सिनेमा के मैनेजर के पास गया और मैनेजर से वह बोला - क्या हम उल्लू गंवार है जो हम अंधेरे में सिनेमा देखेंगे.
***
एक दोस्त दूसरे दोस्त से - क्यो भाई तुम्हारे यहाँ एक नौकरानी है वह तुम्हारे कपडे धोती थी आज क्या बात है यार तुम कपडे धो रहे हो ?
दूसरे दोस्त ने जबाब दिया - यार मैंने उससे शादी कर ली है .
***
पहली लड़की - मैंने उससे अपनी सगाई तोड़ दी है मै उससे नफ़रत करती हूँ और मै उससे प्यार नही करती हूँ .
दूसरी लड़की - पर तुमने सगाई की अंगूठी अभी तक पहिन रखी है ऐसा क्यो ?
पहली लड़की - ओह मै इस अंगूठी को अब भी प्यार करती हूँ .
***
भिखारी - असल में मै एक राईटर हूँ मैंने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है " पैसे कमाने के ह़जार तरीके "
राहगीर - फ़िर तुम भीख क्यो मांग रहे हो ?
भिखारी - यह भी उनमे से एक तरीका है .
***
पकड़ने वाले ने जेबकट से कहा - तुम्हे शर्म नही आती है ?
जेबकट - शर्म तो तुम्हे आना चाहिए अपनी जेब में एक रूपया तक नही रखते हो.
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अध्यापक - बच्चो क्या जानते हो भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह कौन सा है ?
छात्र - जी सर, हमारे घर के पीछे है वहां ढेर बन्दर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूदते देखे जा सकते है.
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एक गंवार आदमी पहली बार शहर में सिनेमा देखने गया . पिक्चर शुरू होने के पहले सिनेमा हाँल की सारी बत्तियां बुझा दी गई . यह देखकर वह गंवार आदमी चकित रह गया और वह दौडा दौडा सीधे सिनेमा के मैनेजर के पास गया और मैनेजर से वह बोला - क्या हम उल्लू गंवार है जो हम अंधेरे में सिनेमा देखेंगे.
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एक दोस्त दूसरे दोस्त से - क्यो भाई तुम्हारे यहाँ एक नौकरानी है वह तुम्हारे कपडे धोती थी आज क्या बात है यार तुम कपडे धो रहे हो ?
दूसरे दोस्त ने जबाब दिया - यार मैंने उससे शादी कर ली है .
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पहली लड़की - मैंने उससे अपनी सगाई तोड़ दी है मै उससे नफ़रत करती हूँ और मै उससे प्यार नही करती हूँ .
दूसरी लड़की - पर तुमने सगाई की अंगूठी अभी तक पहिन रखी है ऐसा क्यो ?
पहली लड़की - ओह मै इस अंगूठी को अब भी प्यार करती हूँ .
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भिखारी - असल में मै एक राईटर हूँ मैंने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है " पैसे कमाने के ह़जार तरीके "
राहगीर - फ़िर तुम भीख क्यो मांग रहे हो ?
भिखारी - यह भी उनमे से एक तरीका है .
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11.11.08
पंचतंत्र की कहानी : कामचोर
पंकजवन में टीपू नाम का एक बन्दर था जो जानवरों में सबसे चालाक था. एक दिन रीतू जंबो हाथी और बिन्दु भालू एक साथ बैठे थे वे सभी परेशान थे . उनकी परेशानी यह थी कि जब दूरदराज से उनके नाम की कोई चिट्ठी आती थी तो उसे लाने में लम्बू जिराफ लाने में काफी समय लगाता था . वगैर पैसे दिए कोई भी चिट्ठी उन्हें नही मिलती थी.
एक दिन सबने बैठकर एकमत से सहमत होकर यह निश्चय किया कि पंकजवन का डाकिया टीपू बन्दर को बनाया जाए क्योकि वह चुस्त और चालाक भी है . उसी दिन से टीपू बन्दर को पंकजवन का डाकिया बना दिया गया . टीपू बन्दर समय पर सभी को डाक लाकर दे देता था . टीपू बन्दर ने देखा कि उसे सभी चाहते है तो उसने पैसो की जगह हर एक से केला लेना शुरू कर दिया . धीरे धीरे टीपू बन्दर कामचोर होता गया और उसकी कामचोरी बढती गई . फ़िर धीरे धीरे उसने सभी से पैसे लेना शुरू कर दिया.
जब सभी ने देखा की टीपू बन्दर कामचोर हो गया है और सभी से पैसे लेने लगा है और सबने बैठकर पंकजवन में एक बैठक आयोजित की और सर्वसम्मति से निर्णय पारित किया कि अब टीपू बन्दर को हटा दिया जाए और बिन्दु भालू को डाकिया बना दिया
परन्तु इसी बीच जम्बो हाथी बीचमे कूंद पड़ा और बोला अब इस जंगल में कोई डाकिया नही बनेगा . तो सभी जानवरों ने उससे कहा कि नया डाकिया नही बनेगा तो हम लोगो को चिट्ठी कैसे मिलेगी . जंबो हाथी ने कहा - अब शहर में अपने नाते रिश्तेदारों दोस्तों भाई बहिनों और माता पिता को यह संदेश भिजवा दो कि वे अब चिट्ठी न लिखे तो आप सभी आगे देखेंगे कि टीपू बन्दर घर में बैठा रहेगा.
बिन्दु भालू ने कहा भैय्या जम्बो आपका आइडिया बहुत अच्छा है मगर अगर शहर में किसी को कुछ हो गया तो ख़बर कैसे पता लगेगी . सभी जानवर एक साथ बोले हाँ हाँ बताओ कैसे पता चलेगा ?
जंबो हाथी ने कहा - सब शांत होकर मेरी बात सुनो हम सब मिलकर एक साथ पंकज वन में एक बूथ खोलेंगे और जब नंबर लगायेंगे तो बात हो जाया करेग . सभी जानवर अपने अपने घरो में टेलीफोन लगा ले जिससे उन्हें कभी डाकिये के भरोसे रहना नही पड़ेगा यह सुनकर सभी जानवर बहुत खुश हो गए . . यह सब बातें टीपू बन्दर सुन रहा था उसे अपनी भूल का एहसास हुआ और उसने बहुत पश्चाताप किया और उसने सभी जानवरों से माफ़ी मांगी.
रिमार्क - उपरोक्त कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपना काम ईमानदारी से संपादित करना चाहिए और कामचोर नही बनना चाहिए . ईमानदारी सबसे अच्छी नीति मानी गई है और इसका उल्लेख सभी धर्मग्रंथो और कहानियो में मिलता है . .नीति शिक्षा में ईमानदारी पर हमेशा जोर दिया जाता है और ईमानदारी के सन्दर्भ में तरह तरह के पाठ लोगो को पढाये जाते है पर इसके बावजूद लोग गलती कर बैठते है ऐसा क्यो ?
...............
एक दिन सबने बैठकर एकमत से सहमत होकर यह निश्चय किया कि पंकजवन का डाकिया टीपू बन्दर को बनाया जाए क्योकि वह चुस्त और चालाक भी है . उसी दिन से टीपू बन्दर को पंकजवन का डाकिया बना दिया गया . टीपू बन्दर समय पर सभी को डाक लाकर दे देता था . टीपू बन्दर ने देखा कि उसे सभी चाहते है तो उसने पैसो की जगह हर एक से केला लेना शुरू कर दिया . धीरे धीरे टीपू बन्दर कामचोर होता गया और उसकी कामचोरी बढती गई . फ़िर धीरे धीरे उसने सभी से पैसे लेना शुरू कर दिया.
जब सभी ने देखा की टीपू बन्दर कामचोर हो गया है और सभी से पैसे लेने लगा है और सबने बैठकर पंकजवन में एक बैठक आयोजित की और सर्वसम्मति से निर्णय पारित किया कि अब टीपू बन्दर को हटा दिया जाए और बिन्दु भालू को डाकिया बना दिया
परन्तु इसी बीच जम्बो हाथी बीचमे कूंद पड़ा और बोला अब इस जंगल में कोई डाकिया नही बनेगा . तो सभी जानवरों ने उससे कहा कि नया डाकिया नही बनेगा तो हम लोगो को चिट्ठी कैसे मिलेगी . जंबो हाथी ने कहा - अब शहर में अपने नाते रिश्तेदारों दोस्तों भाई बहिनों और माता पिता को यह संदेश भिजवा दो कि वे अब चिट्ठी न लिखे तो आप सभी आगे देखेंगे कि टीपू बन्दर घर में बैठा रहेगा.
बिन्दु भालू ने कहा भैय्या जम्बो आपका आइडिया बहुत अच्छा है मगर अगर शहर में किसी को कुछ हो गया तो ख़बर कैसे पता लगेगी . सभी जानवर एक साथ बोले हाँ हाँ बताओ कैसे पता चलेगा ?
जंबो हाथी ने कहा - सब शांत होकर मेरी बात सुनो हम सब मिलकर एक साथ पंकज वन में एक बूथ खोलेंगे और जब नंबर लगायेंगे तो बात हो जाया करेग . सभी जानवर अपने अपने घरो में टेलीफोन लगा ले जिससे उन्हें कभी डाकिये के भरोसे रहना नही पड़ेगा यह सुनकर सभी जानवर बहुत खुश हो गए . . यह सब बातें टीपू बन्दर सुन रहा था उसे अपनी भूल का एहसास हुआ और उसने बहुत पश्चाताप किया और उसने सभी जानवरों से माफ़ी मांगी.
रिमार्क - उपरोक्त कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपना काम ईमानदारी से संपादित करना चाहिए और कामचोर नही बनना चाहिए . ईमानदारी सबसे अच्छी नीति मानी गई है और इसका उल्लेख सभी धर्मग्रंथो और कहानियो में मिलता है . .नीति शिक्षा में ईमानदारी पर हमेशा जोर दिया जाता है और ईमानदारी के सन्दर्भ में तरह तरह के पाठ लोगो को पढाये जाते है पर इसके बावजूद लोग गलती कर बैठते है ऐसा क्यो ?
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