1.5.09

कुछ मजेदार चुटकुले ......

पिछले दो माहो से मैंने खूब चुनावी चिठ्ठे जूते की भरमार भरे प्रसंग खूब पढ़े पढ़कर बोरियत सी महसूस होने लगी . सोचा अब हास्य परिहास के बारे में सोचा जाये अन्यथा सब बेकार है और जीवन जीने के लिए हास्य का समावेश होना जरुरी है वरना जीवन नीरस है . कुछ अच्छे मजेदार चुटकुले आप सभी को बाँट रहा हूँ .

मालिक अपने नौकर से - सुनो जाओ जरा स्टेशन जाओ मेरे कुछ मित्र आने वाले है इसके लिए मै तुम्हे पांच रुपये दूंगा .
नौकर - अगर मालिक आपके दोस्त न आये तो ?
मालिक - फिर मै तुम्हे दूने दस रुपये दूँगा.
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नाटककार - मेरे नाटक के बारे में आपका क्या ख्याल है ?
आलोचक - मै एक सलाह देना चाहता हूँ .
नाटककार - वो क्या ?
आलोचक - नाटक के अंत में विलेन को पिस्तौल से शूट करने की बजाय जहर देकर मारा जाए फायर की आवाज से दर्शको की आँख खुल सकती है.
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दो औरते नाटक देख रही थी एक औरत दूसरी औरत से
"अगर रोशनी ज्यादा कर दी जाए तो कितना अच्छा होगा . अँधेरे में मुझे अच्छी तरह से सुनाई नहीं देता है.
दूसरी औरत तुनककर बोली - मै तो वगैर ऐनक लगाए टेलीफोन पर अच्छी तरह से सुन भी नहीं सकती.
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उनकी अभी कुछ दिनों पहले शादी हुई थी हनीमून के बाद एक शानदार मकान में खूब मौज मस्ती कर रहे थे . कुछ दिनों बाद उनके शहर में नामी नाटक के कलाकारों का आगमन हुआ . एक दिन उन पति पत्नी के घर में डाक से एक लिफाफा आया जिसमे दो टिकिट थे साथ ही एक पुर्जा भी था जिसमे लिखा था बताओ कलाकारों के प्रोग्राम के लिए ये टिकिट तुम्हे किसने भेजे ? टिकिट और पुर्जा देखकर पति पत्नी बड़े प्रसन्न हुए . वे नाटक देखने गए. आधी रात के बाद जब वे अपने घर पहुंचे तो उन्होंने देखा उनके घर का सारा सामान गायब था . सोफा सेट तक गायब हो गए थे . वे हक्का बक्का रह गए . उन्होंने टेबल पर एक पुर्जा पड़ा देखा और उसे पढ़ा जिसमे लिखा था अब पता चल गया होगा कि टिकिट किसने भेजे थे.
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मनो चिकित्सक मरीज से पूछा - क्या तुम्हे कभी ऐसी आवाजे सुनाई देती है जिनके बारे में तुम बता नहीं सकते हो कि वे आवाजे कहाँ से आ रही है ?
मरीज (रोगी) - हाँ
मनो चिकित्सक - ऐसा कब होता है ?
मरीज - जब मै टेलीफोन पर बाते कर रहा होता हूँ

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27.4.09

तेरे लिए ही जीते आये है हम तेरे लिए ही जियेंगें

तेरे लिए ही जीते आये है हम तेरे लिए ही जियेंगें
तेरी ख़ुशी की खातिर जहर का प्याला हम पियेंगे.

नाम इन ओठो पर तेरी याद इस दिल में बसी है
हमें ज़माने से क्या लेना तुझमे बसी है जान मेरी.

हम बेवफा होते तुझे इस दिल से भुला सकते थे
जहाँ से डरते होते तो अरमानो को जला सकते थे.

मोहब्बत्र में बेवफाई मिले सदमा ये कम नहीं होता
आकर वो बहार चली जाए किसे वो गम नहीं होता.

तेरा चेहरा फूलों की तरह खिलता मुस्कुराते ही रहे
तेरी ये जुल्फे बहारो की तरह सदा महकती ही रहे.

हमेशा की तरह तू भी सदा चहकती मुस्कुराती रहे
इस दिल को सदा चाहत के साथ राहत तू देती रहे।
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26.4.09

वो शमां भी जल उठेगी जब हर आशिक दीवाना होगा


मिली थी जब आँखे उनसे पलको का झुकना भी हुआ
लुटा लिया अपने आपको मुस्कुराना जब उनका हुआ

लहरे समुन्दर की नहीं है ये मेरे अश्को की गंगा है
प्यार नहीं मिला फिर भी इस सीने में यादें जिन्दा है

जिन्हें दिल से चाहा था उन्होंने दिया गमो का जहर
फिर भी दुआ करते है कि वे सदा मुस्कुरा कर जिए

मुझे तो प्यार नसीब नहीं उन्हें प्यार जीवन भर मिले
प्यार में जो वादा करके भी वो निभा नहीं सकते है

ऐसे कैसे है वो लोग वादा करके भी मोहब्बत करते है
वो खुद हंसते है और यार लोग दिल से आहें भरते है

तेरी फरामोशी का जिक्र दिल से सारा जमाना करेगा
वो शमां भी जल उठेगी जब हर आशिक दीवाना होगा
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