26.4.09

वो शमां भी जल उठेगी जब हर आशिक दीवाना होगा


मिली थी जब आँखे उनसे पलको का झुकना भी हुआ
लुटा लिया अपने आपको मुस्कुराना जब उनका हुआ

लहरे समुन्दर की नहीं है ये मेरे अश्को की गंगा है
प्यार नहीं मिला फिर भी इस सीने में यादें जिन्दा है

जिन्हें दिल से चाहा था उन्होंने दिया गमो का जहर
फिर भी दुआ करते है कि वे सदा मुस्कुरा कर जिए

मुझे तो प्यार नसीब नहीं उन्हें प्यार जीवन भर मिले
प्यार में जो वादा करके भी वो निभा नहीं सकते है

ऐसे कैसे है वो लोग वादा करके भी मोहब्बत करते है
वो खुद हंसते है और यार लोग दिल से आहें भरते है

तेरी फरामोशी का जिक्र दिल से सारा जमाना करेगा
वो शमां भी जल उठेगी जब हर आशिक दीवाना होगा
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8 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

आपके इस मिजाज़ से तो पहली बार तार्रुफ़ हो रहा है.... बहुत उम्दा..

"अर्श" ने कहा…

MAUSHIKI KI YE ADAA BHI KHUB BHAAEE MISHRA JEE... BAHOT ACHHI LAGI YE RACHNA


ARSH

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति है आपकी.
मन को भा गयी रचना .
- विजय

Vinay ने कहा…

बहुत अच्छे साहब!

MANVINDER BHIMBER ने कहा…

ऐसे कैसे है वो लोग वादा करके भी मोहब्बत करते है
वो खुद हंसते है और यार लोग दिल से आहें भरते है
मन को भा गयी रचना .

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

जिन्हें दिल से चाहा था उन्होंने दिया गमो का जहर
फिर भी दुआ करते है कि वे सदा मुस्कुरा कर जिए....
सुंदर .

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर ..

आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' ने कहा…

दिल को संभालकर रखना आसन नही होता ,दर्द को दिल से कहना बहुत खूब आता हैं .......