2.11.09

अनमोल सदविचार विचार .--. फलाशक्ति और कर्तापन का अभिमान एक बहुत बड़ी फिसलन है....

० नाम और यश की चाहना से दूर रहने वाले प्रतिष्ठा, पद, और ख्याति से बचने वाले सच्चे लोकसेवक सचमुच में ही इस धरती के देवदूत कहलाते है .

० फलाशक्ति और कर्तापन का अभिमान एक बहुत बड़ी फिसलन है जिससे गिरने के बाद अधिकांश लोग उठ नहीं पाते है और नीचे गिरते जाते है .

० सपनों के पंख लगाकर सुनहरे आकाश में दौड़ तो कितनी लंबी लगाईं जा सकती है पर पहुंचा कही नहीं जा सकता है .

० मनुष्य जितना निर्भय होता है उतना ही वह महान कार्यो का सूत्रपात करता है .

० दुर्भावना के वातावरण में पंचशील के सिद्धांत अन्तराष्ट्रीय जगत में भले ही सफल न हुए हो पर पारिवारिक जगत में सदा सफल होते है . यथा -
१. परस्पर आदर भावः से देखना
२. अपनी भूल स्वीकार करना
३. आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना
४. भेदभाव न रखना
५. विवादो का निष्पक्ष निपटारा


------गुरुप्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामना के साथ.--------

29.10.09

माइक्रो पोस्ट : सत् प्रेरणा और दुष्प्रवृत्तियाँ प्रत्येक मनुष्य के अंतःकरण में छिपी रहती है...

माइक्रो पोस्ट : सत् प्रेरणा प्रत्येक मनुष्य के अंतःकरण में छिपी रहती है और दुष्प्रवृत्तियाँ भी उसी के अन्दर होती है . अब यह उसकी अपनी योग्यता बुद्धीमत्ता और विवेक पर निर्भर करता है की वह अपना मत देकर जिसे चाहे उसे विजयी बना दे .

26.10.09

मौजू के जोग मौज करो......



रघुनाथ नाई अपने मित्र से - मेरी पत्नी मेरा बड़ा रौब मानती है मै उसपे खूब रौब झाड़ता हूँ . जो काम मै उससे करने को कहता हूँ वो तुंरत कर देती है . कल रात ग्यारह बजे मैंने पत्नी से कहा पानीगरम करके ले आओ वो भागवान तुंरत पानी गरम करके ले आई .
रघुनाथ का मित्र - आपकी पत्नी तो बड़ी अच्छी है पर आपने उससे क्या कहा ?
रघुनाथ नाई - हाँ मैंने कहा ठंडे पानी से मै बर्तन नहीं धो सकता .


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ताउजी महाताउश्री - तुम्हारे पास मै आता कैसे ? तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला जिसमे तुम्हारा कोई पता होता .
महाताउश्री ताउजी से - मगर मैंने तो पत्र डाला था उसमे ये भी लिख दिया था की पत्र मिले या न मिले तुम जरुर आ जाना .
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भिखारी - बाबू एक अंधे को लाचार को दस रुपये दे दो
राहगीर - सूरदास तो टोटली अंधे थे मगर तुम्हारी एक आंख तो खुली है .
भिखारी - तो बाबा पॉँच ही रुपये दे दो .
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जब तीन बुलाए और तेरह आ जाए तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर - तब खुद नौ दो ग्यारह हो जाना चहिये .
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ओह काँफी समय हो गया
तुम्हे हिंदी बोलना भी नहीं आता यह बोलो काँफी का समय हो गया .
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एक वर्कशाप में एक महिला ढीले ढाले कपडे पहिनाकर गई . वर्कशाप में एक कामगार ने उस महिला से कहा - मैडम इस वर्कशाप में ढीले ढले कपडे पहिनाकर आना माना है .ढीले कपडो का मशीनों से फंस जाने का डर रहता है .
महिला ने उत्तर दिया - यदि मै चुस्त कपडे पहिनकर वर्क शाप में आई तो मशीनों में कामगारों के फंस जाने का डर रहेगा.


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एक नन्हे बालक ने गर्भवती महिला का पेट छूकर कहा - यह क्या है और इसके अन्दर क्या है ?
महिला ने प्यार से बालक के सर पर हाथ फेरते हुए कहा - यह पेट है और इसके अन्दर मेरा प्यारा बेटा है जिसको मै बहुत प्यार करती हूँ ..
नन्हे बालक ने आश्चर्य से आंटी से कहा - ओह अगर आप इसे इतना प्यार करती है तो फिर आपने इसे खा क्यों लिया है .
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