2.3.10

होली के बाद के ब्लागरी चुटकुले ...

* स्वामी भविष्यानंद को गाने गाने का बड़ा शौक था . कभी भी फक्कड़ी मौज में गाना बेसुरी आवाज में गाने लगते थे . एक नया गाना मेहबूबा मेहबूबा होली की ठुर्रस में गाते हुए सीधे चले जा रहे थे और धुन्नस में सीधे नदी में घुस गए . फिर थोड़ी देर बाद नदी में से एक जोर जोर से आवाज आ रही थी मै डूबा मै डूबा .

* चौड़े और गोल शरीर के उड़न तश्तरी कहीं घूमते घूमते जा रहे थे राह में उन्हें एक छोटा नन्हा बच्चा मिला . उड़न तश्तरी ने उसे स्नेह वश गोद में ले लिए और प्यार से पूछा - बेटा तुम कहाँ हो ?

बच्चे ने उत्तर दिया - हिमालय की गोद में .

* ब्लॉगर वकील - जब अपराधी ने चाकू मारा था उस समय तुम कहाँ थे ?

मुजरिम का दोस्त - जी मै उस समय पन्द्रह कदम दूर था .

ब्लॉगर वकील - क्या तुमने फासला कदमो से नापा था ?

मुजरिम का दोस्त - जी हाँ

ब्लॉगर वकील - तुम्हें ऐसा करने क्या जरुरत थी ?

मुजरिम का दोस्त - क्योकि मुझे मालूम था की किसी दिन कोई मूर्ख मुझसे यह प्रश्न जरुर पूछेगा .

*प्रायमरी का मास्टर - तुम्हें अंग्रेजी सुधारने के लिए अंग्रेजी का अखबार जरुर पढ़ना चाहिए

छात्र - जी मै अंग्रेजी अखबार हर शुक्रवार को पढ़ता हूँ .

प्रायमरी का मास्टर - ऐसा क्यों ?

छात्र - जी अंग्रेजी सिनेमा में फिल्म इसी दिन बदलती है .

*एक ब्लेड कंपनी ने अपना विज्ञापन कुछ इस तरह से दिया - हमारे बनाए गए ब्लेड तेज और धारदार हैं . थानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नब्बे परसेंट पकडे गए जेबकतरों के पास हमारी कंपनी के ब्लेड पाए गए हैं .

*ताउजी महाताऊ श्री से - जैसे जैसे मेरी उम्र बढ़ती जा रही है दिनोदिन मेरी शारीरिक ताकत बढ़ती जा रही है .

महाताऊ श्री - ऐसा क्यों ?

ताउजी - आजसे दस साल पहले मै बीस रुपये में जो शक्कर खरीदता था वह बड़ी मुश्किल से उठाकर लाता था लेकिन अब मै बीस रुपये की शक्कर बड़ी आसानी से उठाकर ले आता हूँ .

* एक दोस्त दूसरे दोस्त से - यार तुम्हारे घर में मख्खियाँ बहुत तंग करती हैं बार बार मेरे ऊपर आकर बैठ जाती हैं .

दूसरा दोस्त - हाँ मै भी बड़ा परेशान हूँ ये जो भी गन्दी चीज देखती हैं तो उस पर जाकर बैठ जाती हैं .


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23.2.10

तेरी दीवानगी ने ही मुझे ये प्यारी जिंदगी दी है ..

तेरी दीवानगी ने ही मुझे ये प्यारी जिंदगी दी है
फूलो ने जैसे चमन में इन बहारो को खुशबू दी है.
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आँखों ने देखा और दिल की इन सांसो से सराहा
बस यह दिल आपका दिल से दीवाना बन गया है.

19.2.10

फाग गीत - नर्मदा रंग से भरी होली खेलेंगे श्री भगवान

आज एक बहुत करीबी मित्र के यहाँ मै मिलने गया . अच्छा भरा पूरा परिवार है . दादा भी हैं दादी भी हैं . इस परिवार में महिलाओं की अधिकता है और उस परिवार में बड़ा सौहाद्र पूर्ण वातावरण है जब परिवार की चार महिलाए मिलकर साथ बैठती हैं तो खूब गीत लोकगीत भजन आदि गाती हैं . आज मैंने मित्र की दादी से रिक्वेस्ट की वो एक फाग गीत सुना दें . दादीजी ने मेरी रिक्वेस्ट पर त्वरित ध्यान दिया और उन्होंने आज जो फाग का गीत सुनाया उसे मै कागज में कलम से उकेर कर आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ . बसंत के बाद फागुन की मस्ती भी सर चढ़कर बोलती है . फागुन के महीने में फगुनिया गीत सभी के मन को बहुत भाते हैं .

फाग गीत - नर्मदा रंग से भरी होली खेलेंगे श्री भगवान

कै मन प्यारे ने रंग बनायो
सो के मन के सर धोली
नर्मदा रंग से भरी होली खेलेंगे श्री भगवान.


नौ रंग प्यारे ने रंग बनायो
सो दस मन के सर धोली
नर्मदा रंग से भरी होली खेलेंगे श्री भगवान.


भर पिचकारी चंदा सूरज पे डारी
सो रंग गए नौ लख तारे
नर्मदा रंग से भरी होली खेलेंगे श्री भगवान.

भर पिचकारी महल पे डारी
सो रंग गए महल अटारी
नर्मदा रंग से भरी होली खेलेंगे श्री भगवान.


उड़त गुलाल लाल भये बादल
भर पिचकारी मेरो सन्मुख डारी
सो रंग गई रेशम साड़ी
नर्मदा रंग से भरी होली खेलेंगे श्री भगवान.

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