जबलपुर में विगत बीस दिनों से जबलपुर से देश के अन्य महानगरों को वायु सेवा से जोड़ने हेतु वायुसेवा संघर्ष समिति के द्धारा आंदोलन चलाया जा रहा है । इस आंदोलन को जबलपुर के वकील , चिकित्सक , व्यापारी , छात्र और सीनियर सिटीजन अपना पुरजोर समर्थन समर्थन दे रहे हैं । एक वर्ष पूर्व जबलपुर से पुणे, अहमदाबाद, मुंबई, बेंगलुरु, देहली आदि शहरों के फ्लाइट सेवाएं चालू थी अचानक इन शहरों के लिए जाने वाली वायु सेवाओं में कटौती कर दी गई है जिससे शहर का जनमानस आंदोलित हो गया है । जबलपुर से दूरदराज के शहरों से जो ट्रेंने आती जाती उनमें यहाँ के लोगों को बड़ी मुश्किल से रिजर्वेशन मिल पाता है बस उनके पास आने जाने के लिए वायुसेवा का विकल्प पास में रह जाता है । अन्य दूरदराज के शहरों में आने जाने के लिए वायुसेवा की कमी होने से नागरिकों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।
जबलपुर के स्थानीय समाचार पत्रों के द्धारा इस मुद्दे को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया जा रहा है परन्तु विमान कंपनियों और सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है । विदित हो कि जबलपुर और आस पास के जुड़े शहरों के व्यापारियों, डाक्टरों, वकीलों को और छात्र - छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए ,रोजगार नौकरी की तलाश में बाहर जाना पड़ता है और ट्रैन का रिजर्वेशन न मिलने की स्थिति में उन्हें प्लेन से आना जाना पड़ता है । वायुसेवा संघर्ष समिति के द्धारा जबलपुर से मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद आदि महानगरों के लिए फिर से वायुसेवा प्रारम्भ करने हेतु जो जन आंदोलन चलाया जा रहा है और मांगें पूरी न होने की स्थिति में 6 जून को " नो फ़्लाइंग डे " आंदोलन की घोषणा की गई है ।
सोशल मीडिया से जुड़े लोगों और ब्लागरों से निवेदन है कि वायुसेवा संघर्ष समिति के इस आंदोलन को अपना नैतिक पुरजोर समर्थन दें जिससे जबलपुर के नागरिकों को हो रही कठिनाइयों से राहत मिल सकें ।