21.8.08

मै तेरे दिल से गम को निकाल बाहर दूंगा..

नजर के तीर मारकर ...बार-बार शिकार करती हो
रोज एक को... अपनी नजरो से शिकार करती हो.

मुझ से प्यार क्यो करोगी दिल मेरा.... पत्थर है
रोज नजरो से मारती हो.... कल घुट घुट मरोगी.

सही राह बताने वाले यारब... तुम ठीक कहते हो
यार बता दे ठिकाना अपना...कि तू रहता कहाँ है.

मै तेरे दिल से...... गम को निकाल बाहर दूंगा
ये दिलवर बता दे.. अपना ठिकाना कि तू कहाँ है.

ये बताना बड़ा मुश्किल है... कि मै कहाँ रहता हूँ
बस मेरा ये दिल बना है.. गम का दरिया बना है.


जानी तुम कब तक अपनी जिद पर... अडी रहोगी
जिद पर अडा तेरे दिल का प्यार... सीज-फायर है.

प्यार....हजारो बार न सही बस एक बार होता है
करना है अगर... प्यार तो बंधुवर एक बार करो.

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

कुछ अलग से तेवर लगे!! :)