25.8.08

वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे

वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे .....


वो अब जुदा हो गए जो साथ चले थे
किए गए सब कस्मे-वादे दफा हो गए
अब मुझे खुशी नही मिली किसी मोड़ पर
मेरे सारे रास्ते मुझसे क्यो खफा हो गए.

हरदम पल -पल मेरा साथ निभाने वाले
कदम कदम पर वो कस्मे खाने वाले
दिल में प्यार की एक शमां जलाकर
जो अब बन बैठे शमां को बुझाने वाले.

दूर दुनिया से नया आशियाँ बसाया है
जहाँ मै और मेरी सिर्फ़ यादे बसती है
गम मुझे इसका तू आए या न आए
मैंने उम्मीदों का एक दिया जलाया है.

"महेंद्र" "samayachakr,nirantar blog.

7 टिप्‍पणियां:

pallavi trivedi ने कहा…

दूर दुनिया से नया आशियाँ बसाया है
जहाँ मै और मेरी सिर्फ़ यादे बसती है
गम मुझे इसका तू आए या न आए
मैंने उम्मीदों का एक दिया जलाया है.

bahut sundar aur bhaavpoorn rachna....

pallavi trivedi ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
डॉ .अनुराग ने कहा…

bahut badhiya.....

Anwar Qureshi ने कहा…

बहुत खूब ..अच्छी कविता लिखी है आप ने ..धन्यवाद

Smart Indian ने कहा…

सुन्दर रचना! धन्यवाद!

seema gupta ने कहा…

दिल में प्यार की एक शमां जलाकर
जो अब बन बैठे शमां को बुझाने वाले.
"bhut sunder abheevyektee"
Regards

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा...वाह!