15.9.08

आज के लतीफे : एक अनाम जी की रचना

एक ब्लॉगर ने दूसरे ब्लागर को टिप्पणी प्रेषित की तो दूसरे ब्लॉगर ने
प्रतिउत्तर में कहा कि मै मूर्ख ब्लागरो को टिप्पणी प्रेषित नही करता हूँ
पहले ब्लॉगर ने उत्तर दिया - मै तो प्रेषित करता हूँ.

......

ब्लॉगर अपनी पत्नी से - तुम मुझे हर समय फिजूल खर्च करने के ताने
मारती रहती हो कोई ऐसी बेकार की चीज बताओ जो मैंने खरीदी हो ?
पत्नी - पिछले साल एक फायर फाइटर खरीद लाये थे जो अब तक एक
बार भी काम में नही आया .

...........

नबाब साहब भी मेरे पिता के सामने सर झुकाया करते थे .
कौन थे तुम्हारे पिता ?
जी शाही हज्जाम हुजूर
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प्रेमिका प्रेमी से - मै तुम्हारे पत्रों की टिकटों को खूब चूमा कराती हूँ
क्योकि मै जानती हूँ की कभी उन टिकटों को तुम्हारे होठो ने
छुआ होगा
प्रेमी - वो तो सब ठीक है तनिक मेरी वेबकूफी पर भी विचार करो
उन टिकटों पर मै थूक लगाकर गीलाकर टिकटों को उन पत्रों पर
चिपकाया करता था .

.........

ब्लॉगर दंपत्ति स्टेशन पर पहुंचे कि ट्रेन छूट गई .
ब्लॉगर पति अपनी पत्नी से - तुम अगर जल्दी तैयार हो जाती तो
हमें गाड़ी मिल जाती .
ब्लॉगर पत्नी - अगर तुम जल्दीबाजी न करते तो हमें अगली ट्रेन
के लिए इतनी देर इंतजार नही करना पड़ता .

अंत कुछ और कही से एक अनाम जी की रचना जो मुझे बेहद मनपसंद है -

झुटपुटा वक्त है बहता हुआ दरिया ठहरा
सुबह से शाम हुई दिल हमारा न ठहरा.

बस एहसास है कि कोई मेरे साथ है
वरना तन्हा जीने की ख्वाहिश किसे है.

जरा सा दर्द सीने में जागा तो आंखे खुल गई
दिल में कुछ चोटे उभर आई तो आंसू आ गए.

दिल की हालत की तरफ़ किसकी नजर जाती है
इश्क की तमाम उम्र तमन्ना में गुजर जाती है .

...............

10 टिप्‍पणियां:

seema gupta ने कहा…

एक ब्लॉगर ने दूसरे ब्लागर को टिप्पणी प्रेषित की तो दूसरे ब्लॉगर ने
प्रतिउत्तर में कहा कि मै मूर्ख ब्लागरो को टिप्पणी प्रेषित नही करता हूँ
पहले ब्लॉगर ने उत्तर दिया - मै तो प्रेषित करता हूँ.

" good better best"

Regards

विवेक सिंह ने कहा…

आप मुझे टिप्पणी प्रेषित करें या न करें मैं तो प्रेषित करूँगा . चुटुकुले अच्छे लगे, आभार .

बेनामी ने कहा…

Ha..., Ha..., Ha....,
Bhai Mishra Ji maza aa gaya, vesheshkar Bloger vale latife padkar.

दिलीप कवठेकर ने कहा…

चुटकुले अच्छे है, आप और सुनायें. मेरे ब्लोग पर आपकी टिप्पणी से हौसला मिला. शुक्रिया.

कामोद Kaamod ने कहा…

हा हा हा :)
एक से बडकर एक .

सचिन मिश्रा ने कहा…

Bahut khub.

रंजन (Ranjan) ने कहा…

मैं भी प्रेषित करता हूँ...

हा हा हा.. मजा आ गया..

राज भाटिय़ा ने कहा…

महेन्दर जी आज के चुटकले एक से बढ कर एक , बहुत ही सुन्दर
धन्यवाद

Udan Tashtari ने कहा…

सभी लतीफे और यह:

दिल की हालत की तरफ़ किसकी नजर जाती है
इश्क की तमाम उम्र तमन्ना में गुजर जाती है .


वाह!! क्या बात है.

admin ने कहा…

मजेदार लतीफे।
सचमुच मन गुदगुदा गया।