एक पहलवान को अपने भारी भरकम शरीर पर बड़ा नाज था वह
हमेशा सोचा करता था की कोई भी उसके भरी भरकम शरीर को
देखकर उसके शरीर को तो क्या उसके समान को भी कोई छू भी
नही सकता है . एक दिन वह शेरे पंजाब होटल गया . होटल के
पास में एक अखाडा था तो पहलवान की इच्छा हो गई चलो
अखाडे चल कर दडे बैठके मार ली जाए . उन्होंने होटल शेरे
पंजाब में एक खूटी पर अपना कोट उतार कर टांग दिया . और उस
कोट पर एक पर्ची लिखकर टांग दी कि इस कोट को कोई ले जाने
का प्रयास न करे - बहुत बड़ा भारी भरकम पहलवान .
अखाडे जे जब वह पहलवान दडे बैठके मार के जब वापिस लौटा तो
उसने देखा कि वह कोट गायब है और वहां बहुत बड़े अक्षरो में लिखा
था कि यह कोट मै ले जा रहा हूँ कोई पीछा करने का प्रयास न करे
- बहुत तेज धावक
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बच्चा अपने पिता से आज मै स्कूल नही जाऊंगा
पिता - क्यो बेटे ?
बच्चा - पिताजी कल हमारी स्कूल में मेरा वजन तौला गया था .
पिता - सिर्फ़ वजन ही तो तौला था कोई बड़ी बात नही है
बच्चा - कल मुझे तौला था आज वे मुझे बेच देंगे .
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8 टिप्पणियां:
महेन्दर जी धन्यवाद, बहुत ही सुन्दर
बहुत खूब, मजेदार चुटकुले।
Bahut khub.
हा हा!! मस्त मजेदार!!
पिता - सिर्फ़ वजन ही तो तौला था कोई बड़ी बात नही है
बच्चा - कल मुझे तौला था आज वे मुझे बेच देंगे .
"ha ha ha really mind blowing"
Regards
हा-हा-हा-
आनंद भया!
Ha ha pahalwaan vala chutkula to bahut hee majedaar tha aur bachhe vale chutkule main ek samajik dard bhee chupa hua hai. Bahut khoob Panditjee.
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