22.10.08

आदमी को आदमियत के नाते सबके काम आना चाहिए.

देश में चल रहे जाति पति और भाषावाद और क्षेत्रवाद के आधार पर बड़ी दुखद स्थितियां चल रही है इन पर कुछ पंक्तियाँ लिखी जो आपकी नजर प्रस्तुत कर रहा हूँ.

जिंदगी में आदमी को प्यार की पहचान आना चाहिए
आदमी को आदमियत के नाते सबके काम आना चाहिए
देश क्या परदेश क्या सारा संसार अपना हमारा यार हो
रहे चाहे न रहे कुछ भी हमारा बस बांटने को प्यार हो
दूर से बस प्यार मौहब्बत का एक पैगाम आना चाहिए
गर रहे हम या न रहे हमारे देश की आन रहना चाहिए
राम क्या रहीम क्या अजान हम सबकी उसकी जान है
जो प्रभु और आदमी में भेद समझे वह पागल नादान है
प्यार शान से इंसान को सबको सिखाना बढ़ाना चाहिए

रचना - महेंद्र मिश्रा,जबलपुर.

13 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

बहुत सुंदर रचना है. आज ऐसे ही विचारों की जरूरत है.

Gyan Darpan ने कहा…

सुंदर रचना

शोभा ने कहा…

वाह बहुत सुन्दर लिखा है।

Hari Joshi ने कहा…

बहुत बढि़या। जमाए रहिए।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत ही सुंदर एक अच्छा विचार
धन्यवाद

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: ने कहा…

' हम सुधरे जग सुधरा ,हम बदले युग बदला ",बीस तीस साल पहले पढा था और फ़िर दुनिया को सुधारने का जोश ठंडा पड़ गया आज तक ख़ुद को सुधारने का संघर्ष चल रहा है | " अव्वल अल्लाह नूर उपाया ,सब इक माटी के भांडे, इक नूर ते जग उपजाया कौन भले कौन मांदे "|\/ झरोखा -अन्यो नास्ति पर आगमन का आभारी हूँ ,उत्साह बढाते रहिएगा ,अभी अनगढ़ है झरोखा को गवाक्ष आपही लोगो का सहयोग बनाएगा ----
अन्योनास्ति

"कालचक्र" की
चौपाल के

"झरोखा "से

"कबीरा"

admin ने कहा…

जो प्रभु और आदमी में भेद समझे वह पागल नादान है
प्यार शान से इंसान को सबको सिखाना बढ़ाना चाहिए ।

शेर के माध्यम से आपने सामयिक बात कही है, बधाई।

Abhishek Ojha ने कहा…

सुंदर और प्रेरक !

RADHIKA ने कहा…

सुंदर रचना

sarita argarey ने कहा…

आपकी अभिव्यक्ति सशक्त है । मौजूदा दौर में आदमी का इंसान बनना ज़रुरी है । काव्य संसार और साहित्य के बारे में मेरी समझ शून्य है लेकिन आपकी रचनाएं अच्छी लगीं ।

हिन्दीवाणी ने कहा…

मित्रवर, मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया। इसी बहाने आपके ब्लॉग पर आया। बहुत अच्छा ब्लॉग बनाया है आपने। आपकी रचनाओं का कोई जवाब नहीं। सरकारी नौतरी में होने के बावजूद आपकी अभिव्यक्ति के तरीके को मैं प्रणाम करता हूं।

समीर यादव ने कहा…

जिंदगी में आदमी को प्यार की पहचान आना चाहिए
आदमी को आदमियत के नाते सबके काम आना चाहिए
बहुत शानदार मिश्राजी आपकी रचनाएँ हमेशा उत्प्रेरित करती हैं...

अवाम ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति आप जैसे लोगों की जरुरत है देश को.