हमारे गुरूजी ब्लॉगर उर्फ़ बड्डे बड़े परेशान दिख रहे थे और परेशानी में अपनी चिकनी खोपडी बार बार खुजा रहे थे . मैंने उन्हें परेशान देखकर उनसे कहा काय बड्डे बड़े परेशान दिख रहे है आप ?
आखिर बार बार आप अपनी चिकनी खोपडी और भारी भरकम तौंद क्यों खुजा रहे है मुझे मालूम है कि जब बड्डे आप परेशान रहते है तो चिकनी खोपडी जरुर खुजाते है गुरुदेव .
गुरुदेव को बस बोलने का मौका मिल गया इसीलिए कि जैसे डूबते तिनके एक सहारा मिल गया हो . अपना गला खखार कर बोले - परेशान क्यों न हूँ . ब्लॉग लिखते लिखते सर के बाल सफ़ेद हो गए है पर कमाई का नाम ही नहीं है आज तक एक धिलिया और एक कौडी तक नसीब नहीं हुई है . कमाई न होते देख ताऊ की मिस रामप्यारी भी आयेदिन ताना देती रहती है कि जबरन अपनी उंगलियाँ तोडत रहत है . सुनकर भाई मुझे अपनी तौंद और चिकनी खोपडी खुजाना ही पड़ती है .
आगे गुरुदेव ब्लॉगर बोले - आज सुबह सुबह अखबार में पढ़ा कि अब देश के बड़े बड़े नेतालोग अपने प्रचार प्रसार के लिए अपने अपने ब्लॉग बनाने में जुट गए है सो मुझे इस काम में उम्मीद की नई रोशनी दिखाई दे रही है कि कमाई का एक खासा नुस्खा हाथ लग गया है सो मैंने अपने चमचो से कह दिया है कि भाई तुम लोग नेता लोगन को पकड़ के लाओ और उनसे कहो की हमारे गुरूजी ब्लॉगर को ब्लॉग बनाने में महारत हासिल है . हमारे गुरुदेव ब्लॉगर मिनटों में नेता जी का ब्लॉग बना देंगे .
फिर बड्डे गंभीर स्वरों में मुझसे बोले कि देखो छोटे कमाई करना है तो जल्दी जल्दी नेता लोगन को पकड़ कई लाओ तबही नोट बरसेंगे . आज ही अखबार में पढ़ा है वाणी जी लल्लू जी पटनायक जी ने अपने अपने ब्लॉग बना लिए है और ब्लॉग के माध्यम से अपने प्रचार प्रसार के लिए जुट गए है और वर्ल्ड लेबल पर प्रचार कर रहे है क्योकि उन्हें मालूम है कि ब्लॉग लोकप्रियता पाने का सबसे अच्छा तरीका है और उन्हें इसका फायदा चुनाव के बाद मिलेगा .
यह सुनते ही मेरी रगों में खून का प्रवाह तेज हो गया और मुझसे रहा नहीं गया मैंने गुरुदेव से तत्काल कह दिया साहब देश में सांसदों के चुनाव हो रहे है और नेता लोग ब्लॉग में विश्व स्तर पर अपने विचार सबके सामने रखेंगे . सरे देशो के लोग उनके विचार पढेंगे . पर नेता लोगन को वोट तो उनके क्षेत्र इलाके से ही मिलेंगे कि विश्व स्तर पर कई देशो से उन्हें इस चुनाव में वोट मिलेंगे यह सोचने की बात है .. ब्लॉग बनाकर नेतालोग बाहर ही प्रचार करते रह जायेंगे अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार क्या ख़ाक कर पाएंगे और घंटा वोट मिलेंगे ... और ब्लॉग के चक्कर में चुनावों में कही नेता लोगन की लुटिया न डूब जाए . ऐसे में गुरदेव नेता लोगन के ब्लॉग बनाने और कमाई करने का चक्कर छोडो क्योकि मुझे मालूम है कि नेता लोगन के ब्लागों का भविष्य अंधकारमय है .
यह सुनते ही गुरु ब्लॉगर आग बबूला हो गए और उन्होंने आज मुझे जर्मन मेड ताऊ का लट्ठ लेकर खदेड़ना चाहा कि मैंने फौरन ही दौड़कर अपनी गली पकड़ ली .
व्यंग्य-
महेंद्र मिश्र
जबलपुर.
रिमार्क - यदि कोई व्यंग्य आलेख लिखा जाता है तो उसका उल जुलूल अर्थ अनर्थ न निकाला जाये यही मेरी आप सभी से प्रार्थना है सिर्फ पढ़कर ही एन्जॉय करे जिससे मेरा भी लिखने का हौसला बना रहे . व्यंग्य तभी लिखे जा सकते है जब खुद को उस व्यंग्य पार्ट का पात्र बना लिया जाये तभी वह रोचक हो सकता है .
आखिर बार बार आप अपनी चिकनी खोपडी और भारी भरकम तौंद क्यों खुजा रहे है मुझे मालूम है कि जब बड्डे आप परेशान रहते है तो चिकनी खोपडी जरुर खुजाते है गुरुदेव .
गुरुदेव को बस बोलने का मौका मिल गया इसीलिए कि जैसे डूबते तिनके एक सहारा मिल गया हो . अपना गला खखार कर बोले - परेशान क्यों न हूँ . ब्लॉग लिखते लिखते सर के बाल सफ़ेद हो गए है पर कमाई का नाम ही नहीं है आज तक एक धिलिया और एक कौडी तक नसीब नहीं हुई है . कमाई न होते देख ताऊ की मिस रामप्यारी भी आयेदिन ताना देती रहती है कि जबरन अपनी उंगलियाँ तोडत रहत है . सुनकर भाई मुझे अपनी तौंद और चिकनी खोपडी खुजाना ही पड़ती है .
आगे गुरुदेव ब्लॉगर बोले - आज सुबह सुबह अखबार में पढ़ा कि अब देश के बड़े बड़े नेतालोग अपने प्रचार प्रसार के लिए अपने अपने ब्लॉग बनाने में जुट गए है सो मुझे इस काम में उम्मीद की नई रोशनी दिखाई दे रही है कि कमाई का एक खासा नुस्खा हाथ लग गया है सो मैंने अपने चमचो से कह दिया है कि भाई तुम लोग नेता लोगन को पकड़ के लाओ और उनसे कहो की हमारे गुरूजी ब्लॉगर को ब्लॉग बनाने में महारत हासिल है . हमारे गुरुदेव ब्लॉगर मिनटों में नेता जी का ब्लॉग बना देंगे .
फिर बड्डे गंभीर स्वरों में मुझसे बोले कि देखो छोटे कमाई करना है तो जल्दी जल्दी नेता लोगन को पकड़ कई लाओ तबही नोट बरसेंगे . आज ही अखबार में पढ़ा है वाणी जी लल्लू जी पटनायक जी ने अपने अपने ब्लॉग बना लिए है और ब्लॉग के माध्यम से अपने प्रचार प्रसार के लिए जुट गए है और वर्ल्ड लेबल पर प्रचार कर रहे है क्योकि उन्हें मालूम है कि ब्लॉग लोकप्रियता पाने का सबसे अच्छा तरीका है और उन्हें इसका फायदा चुनाव के बाद मिलेगा .
यह सुनते ही मेरी रगों में खून का प्रवाह तेज हो गया और मुझसे रहा नहीं गया मैंने गुरुदेव से तत्काल कह दिया साहब देश में सांसदों के चुनाव हो रहे है और नेता लोग ब्लॉग में विश्व स्तर पर अपने विचार सबके सामने रखेंगे . सरे देशो के लोग उनके विचार पढेंगे . पर नेता लोगन को वोट तो उनके क्षेत्र इलाके से ही मिलेंगे कि विश्व स्तर पर कई देशो से उन्हें इस चुनाव में वोट मिलेंगे यह सोचने की बात है .. ब्लॉग बनाकर नेतालोग बाहर ही प्रचार करते रह जायेंगे अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार क्या ख़ाक कर पाएंगे और घंटा वोट मिलेंगे ... और ब्लॉग के चक्कर में चुनावों में कही नेता लोगन की लुटिया न डूब जाए . ऐसे में गुरदेव नेता लोगन के ब्लॉग बनाने और कमाई करने का चक्कर छोडो क्योकि मुझे मालूम है कि नेता लोगन के ब्लागों का भविष्य अंधकारमय है .
यह सुनते ही गुरु ब्लॉगर आग बबूला हो गए और उन्होंने आज मुझे जर्मन मेड ताऊ का लट्ठ लेकर खदेड़ना चाहा कि मैंने फौरन ही दौड़कर अपनी गली पकड़ ली .
व्यंग्य-
महेंद्र मिश्र
जबलपुर.
रिमार्क - यदि कोई व्यंग्य आलेख लिखा जाता है तो उसका उल जुलूल अर्थ अनर्थ न निकाला जाये यही मेरी आप सभी से प्रार्थना है सिर्फ पढ़कर ही एन्जॉय करे जिससे मेरा भी लिखने का हौसला बना रहे . व्यंग्य तभी लिखे जा सकते है जब खुद को उस व्यंग्य पार्ट का पात्र बना लिया जाये तभी वह रोचक हो सकता है .
17 टिप्पणियां:
मज़ा आ गया पढ़कर ...अच्छा है
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
मैंने फौरन ही दौड़कर अपनी गली पकड़ ली .
" ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ab vapsi ke liye dusri gli khojno pdege .....ha ha ha ha "
Regards
सीमाजी
वैसे ही मै ब्लागिंग की दुरूह गली में फंस गया हूँ और निकलने के लिए दूसरी राह तलाश कर रहा हूँ . टीप के लिए आभारी हूँ .
सर जी बहुत खूब । मजेदार व्यंग्य प्रस्तुत किया । आपके गुरू जी परेशान है , उनको भी चुनाव में उतार दीजिये ।
मजा आ गया. आभार.
नीशू जी
गुरूजी कहाँ से चुनाव लडेंगे घर कहाँ से चलाएंगे सिर्फ नेताओं के ब्लॉग के चक्कर में उलझे है . हा हा हा हा हा
स्वयं पर हँसना कठिन है,दूसरे पे हँसना आसान....व्यंग्य का जन्म इन्ही हास-परिहासों से होता है...बहुत अच्छा लगा
रश्मि प्रभा जी
आपके विचारो से शतप्रतिशत सहमत हूँ . टिप्पणी के लिए आभारी हूँ .
इस व्यंग्य आलेख का पहला भाग पढ़कर तो हम सोचे कि हम ही लिपटाये हैं मगर अब जरा हल्का चैन आया है. :)
बेहतरीन!!
ye baat to sahi hai ki jab bloging karenge to kya ghanta vote milenge, sahi vayanga hai.mazaa aa gaya
जब गुरु जी को ब्लॉग लिखत - लिखत कपारे के बाल उज्जर हो गए है और कमाई आज तक एक धिलिया और एक कौडी तक नसीब नहीं हुई है, तो अब काहे लक्ष्मी जी के फेर में पड़े है , नेता के चक्कर में पड़ेगे तो , नेता जी की जमानत तो जब्त होगी ही ,गुरु जी भी सर खुजा के सर से खून निकाल लेंगे .
उड़नतश्तरी जी
आप काहे ऐसा सोचते है हम शहर के भाई भाई है आपस में सदभाव है सिर्फ ...जो या यो कहें इस शहर के (बाहरी) वाशिंदे नहीं है उनके दिमाग की उपज है कि इस शहर के ब्लागरो में आपस में कोई मतभेद है ऐसा वो गलत सोचते है हम नहीं . आप तो मेरे लिए प्रेरणाश्रोत है और आदरणीय है और रहेंगे. .....
कौन लपेट रहा है, किसे लपेट रहा है? बढ़िया लपेटान!
महेंद्र भाई
व्यंग्य सामयिक और सुन्दर है.
- विजय
अरे अब जितने भी गुरु लोग है ब्लांग जगत मै आप ने सभी को परेशान कर दिया....
लेकिन आप ने बहुत मेहनत से , ओर बहुत सुंदर लेख लिखा इस लिये किसी को बुरा नही लगेगा.
धन्यवाद
haa haa panditjee aap bade vo ho! han naheen to. ham sab ko kanfuse-aazam banaae pade the haa haa.
hi, nice to go through ur blog...it is really well informative..by the way which typing tool are you using for typing in Hindi...?
recently i was searching for the user friendly Indian Language typing tool and found ... "quillpad". do u use the same..?
Heard tht it is much more superior than the Google's indic transliteration...!?
expressing our views in our own mother tongue is a great feeling...and it is our duty to save, protect, popularize and communicate in our own mother tongue...
try this, www.quillpad.in
Jai..Ho...
एक टिप्पणी भेजें