शुरुआत में ब्लॉगर भारी जद्दोजहद और भारी मसक्कत कर अपना ब्लॉग बनाता है और उसकी पहली ख्वाहिश होती है की वह पहली रचना अच्छी से अच्छी अपने ब्लॉग में लिखें. प्रथम पोस्ट लिखने के बाद अन्य ब्लागर्स की अच्छी या बुरी प्रतिक्रिया का उसे बेसब्री से इंतजार रहता है . ब्लागर्स को अपनी पोस्ट के सन्दर्भ में यदि अच्छी प्रतिक्रियाएँ प्राप्त होती है तो निसंदेह ब्लॉगर के मानसिक मनोबल में वृद्धि होती है और पोस्ट लिखने के लिए रूचि लेना शुरू कर देता है . सभी को मालूम है कि हिंदी ब्लॉग जगत अभी शैशव अवस्था में है इसीलिए हिंदी भाषा के विश्व में प्रचार प्रसार हेतु नए हिंदी ब्लागरो की हौसला अफजाई करना चाहिए. नए कवि लेखक और साहित्यकार और सामान्य जनों के नए हिंदी ब्लॉग हिंदी चिठ्ठा जगत में प्रवेश कर रहे है. आइये इन नव हिंदी ब्लागरो को जिन्होंने हाल में ब्लॉग जगत में दस्तक दी है . उनके नए चिठ्ठो को पढिये और उनका उत्साहवर्धन करिए. नए चिठ्ठाकारो के बारे में चर्चा प्रस्तुत कर रहा हूँ.
खबरें ....सुबह उठने के बाद, शाम को सोने के पहले टीवी की रिमोट ख़बरों की तलाश करती है.. देश में क्या हुआ, फलाने नेता ने क्या कहा, पे कमीशन लागू हुआ कि नही, किसकी सरकार बनेगी, अर्थव्यवस्था कब सुधरेगी, मंदी में कितनो की नौकरी गई... और भी ना जाने कैसी कैसी खबरें...
पर इन सब से अलग आप पाते हैं, ख़बरों में भूत-प्रेत, चीखता चिल्लाता एंकर, तालिबान-पाकिस्तान की खबरें
भारत के गाँव, भूखों मरता किसान सभी ख़बरों से बाहर....
खेल टीआरपी का ...
लेगा इन सारे खबरी लालो की ख़बर....ख़बरदार.
प्रेम लक्ष्य मेरा था, मधुरस से भरा सवेरा था,
प्यार को अपने पाना था, या फ़िर ख़ुद मिट जाना था,
बच्चों-सी हँसी अनोखी थी, मोहिनी मूरत सलोनी थी,
अप्सरा थी या परी थी,मेरी मस्तिस्क की ही पर जनी थी,
प्रेम तेरे कितने रंग......प्रेम , प्रेम और बस प्रेम ....
रहते हैं वो किसी के ख्यालों में पर कहते हैं मुझे किसी की याद नही,
भेजते हैं किसी को संदेश पर कहते हैं कोई ख़ास नही,
पूछते हैं हाल उनका सबसे और कहते हैं कोई वैसी बात नही,
बताता हूँ उन्हे ये प्यार है जनाब, तो कहते हैं,
किसी से बयाँ हो जाए, प्यार इतना सस्ता ज़ज्बात नही
नया हिंदी ब्लॉग अर्ज किया है कलमकार अंकुश अगरवाल जी
तेरे आँचल की खूश्बू में थोडी थोडी धूप घुली हैं
आँचल में एक टुकडा मेरा तेरे अंतस का पारस पत्थर
बारिश में जब तुम भीगी ,बारिश रूककर देख रही थी
भीग गयी थी वो भी जालीम तेरे सावन -भादों में.
प्रेमांचल आदित्य जी का नया ब्लॉग
वीनस केशरी जी का नया ब्लॉग बटोरन
क्या समझा है पाकिस्तां ने , मेरी भारत माता को
भूल गया है बिकल कटक ये माँ बेटे के नाता को
रामचरित में ठीक लिखा है , महामुनि तुलसी जी ने
ये भारत माँ के सपूत थे, जिनको जाया हुलसी ने
महाकाव्य में लिखा है, उनने ऐसा कलयुग आएगा
माँ को गाली पिता को लाठी, बेटा खूब लगायेगा
रवि शंकर शर्मा जी का नया ब्लॉग पोएम्स.........पहली ही पोस्ट में दुश्मन को ललकार रहे जी आगे और भी ललकारे पढ़ने मिलेगी . नए चिठ्ठे का स्वागत ताली बजाकर कर रहा है.
नया चिठ्ठा नया जोश में बराक ओबामा अरविन्द जी नए हिंदी चिठ्ठाकार
स्वागत है आपका हिंदी चिठ्ठा जगत में निरंतर लिखते रहिये हम सभी की शुभकामना आपके साथ हमेशा रहेगी .
अल्फाज़ पल्लवी त्रिवेदी जी का नया ब्लॉग पहली पोस्ट रचना त्रिवेणी बहुत ही रोचक और सरल शब्दों में लिखी गई है . आशा है इस ब्लॉग में अच्छी रचनाये पढ़ने मिलेगी .पल्लवी त्रिवेदी जी वैसे नै ब्लॉगर नहीं है उनके और भी ब्लॉग है . सभी उनके नाम से परिचित है .
शीला जी का नया हिंदी ब्लॉग "मेरी कविताएं" पहली पोस्ट में गर्मियो का एहसास करा दिया उफ़ ये गर्मी ...
हिंदी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है . आप हिंदी के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से निरंतर लिखती रहिये . सभी ब्लागरो की शुभकामनाये आपके साथ है.
ब्रिटिश मलबार के पूर्वी छोर पर स्थित तालुकों में से एक है कोट्टयम। इसी कोट्टयम तालुके में कोट्टयम के राजवंश का निवास है। चूंकि इस वंश के सभी स्त्री-पुरुष सदा विद्याव्यसनी रहे हैं, इस वंश में सभी लोग विद्वान हुआ करते थे। फिर भी एक समय अपवादस्वरूप एक मंदबुद्धि राजकुमार इस वंश में पैदा हुआ। इसी राजकुमार के संबंध में कुछ बताना हमारा यहां अभीष्ट है
नया हिंदी ब्लॉग "केरल पुराण" बालसुब्रमण्यम जी इसके कलमकार है . उम्मीद है कि यह ब्लॉग भविष्य में क्षेत्रीय एतिहासिक जानकारी के अलावा अच्छी पोस्ट प्रस्तुत करेगा . इस नए ब्लॉग का भी स्वागत है और निरंतर अग्रसर हो ...शुभकामनाये ....
खबरें ....सुबह उठने के बाद, शाम को सोने के पहले टीवी की रिमोट ख़बरों की तलाश करती है.. देश में क्या हुआ, फलाने नेता ने क्या कहा, पे कमीशन लागू हुआ कि नही, किसकी सरकार बनेगी, अर्थव्यवस्था कब सुधरेगी, मंदी में कितनो की नौकरी गई... और भी ना जाने कैसी कैसी खबरें...
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अल्फाज़ पल्लवी त्रिवेदी जी का नया ब्लॉग पहली पोस्ट रचना त्रिवेणी बहुत ही रोचक और सरल शब्दों में लिखी गई है . आशा है इस ब्लॉग में अच्छी रचनाये पढ़ने मिलेगी .पल्लवी त्रिवेदी जी वैसे नै ब्लॉगर नहीं है उनके और भी ब्लॉग है . सभी उनके नाम से परिचित है .
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ब्रिटिश मलबार के पूर्वी छोर पर स्थित तालुकों में से एक है कोट्टयम। इसी कोट्टयम तालुके में कोट्टयम के राजवंश का निवास है। चूंकि इस वंश के सभी स्त्री-पुरुष सदा विद्याव्यसनी रहे हैं, इस वंश में सभी लोग विद्वान हुआ करते थे। फिर भी एक समय अपवादस्वरूप एक मंदबुद्धि राजकुमार इस वंश में पैदा हुआ। इसी राजकुमार के संबंध में कुछ बताना हमारा यहां अभीष्ट है
नया हिंदी ब्लॉग "केरल पुराण" बालसुब्रमण्यम जी इसके कलमकार है . उम्मीद है कि यह ब्लॉग भविष्य में क्षेत्रीय एतिहासिक जानकारी के अलावा अच्छी पोस्ट प्रस्तुत करेगा . इस नए ब्लॉग का भी स्वागत है और निरंतर अग्रसर हो ...शुभकामनाये ....
5 टिप्पणियां:
बहुत ही अच्छा प्रयास है. हम आपकी बातों से सहमत हैं. परन्तु पहले ही ब्लॉग ":खबरदार" में जब गए तो बार बार प्रयास करने पर भी टिप्पणी पटल खुल नहीं रहा है
"खबरदार" ब्लॉग के ब्लॉगर भैय्या जी आपका कमेंट्स बॉक्स नहीं खुल रहा है सो खबरदार कर रहा हूँ .दुरस्त कर लें जी ...
mahender bhai, ye bahut badhiyaa kaarya kiya apne inke liye ye sanjeevanee kaa kaam karegee, umdaa prayaas raha .
बेहतरीन चर्चा है महेन्द्र जी
YE BHI KHUB RAHI WAAH JI WAAH ....BADHAAYEE..
ARSH
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