11.5.09

कम्प्यूटर पर अधिक समय देकर कही आप "कम्प्यूटर विजन सिन्ड्रोम" बीमारी को आमंत्रण तो नहीं दे रहे है ?

जैसे जैसे हम आई.टी. युग में प्रवेश कर रहे है और इंटरनेट और कम्प्यूटर हमारे दैनिक दिनचर्या के अंग बन चुके है कम्प्यूटर से मानव जीवन को होने वाले तरह तरह के दुष्परिणाम सामने आने लगे है.



एक जानकारी के अनुसार कम्प्यूटर अब आँखों के लिए बीमारी पैदा करने लगे है. कहा गया है कि कम्प्यूटर के सामने लगातार अधिक समय तक कार्य करने वालो को आँखों के आंसू सूखने की बीमारी का सामना करना पड़ रहा है.





नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी आँखों के आसुओ पर प्रभाव डालती है. इस बीमारी में आँखों में तीव्र जलन होती है और रोगी को एसा महसूस होता है कि जैसे उसकि आँखों में रेत घुस गई हो. यह बीमारी तीन से चार घंटो से अधिक कम्प्यूटर पर काम करने वालो को अधिक हो रही है इसमें आँखों में आंसू बनना बंद हो जाता है इसके अतिरिक्त जो आंसू बनाते भी है तो उनका फैलाव आँखों में पूरी तरह से हो नहीं पता है.

नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि एक सामान्य आदमी एक मिनिट में २५ से २७ बार अपनी पलकें झपकाता है लेकिन कम्प्यूटर पर काम करने वाला व्यक्ति एक मिनिट में पॉँच से सात बार पलकें झपकाता है ..जिससे आंसू सरक्यूलेशन अधिक नहीं हो पाता है जिसके कारण आदमी अधिक थकावट और आँखों में रेत घुसने जैसे अनुभव करने लगता है और उसे शब्द धुंधले दिखने लगते है.



इस बीमारी से शुरुआत में ही बचाव करना भी जरुरी है. कभी भी कम्प्यूटर के सामने ४५ मिनिट से अधिक न बैठे. कम्प्यूटर के सामने काम करते समय अपनी पलकें झपकाते रहना चाहिए. इस बीमारी में अधिक परेशानी हो तो डाक्टर से सलाह लें . आजकल आँखों में आंसू बढ़ाने वाली दवाये भी डाक्टरों द्वारा मरीजो को दी जाने लगी है. आजकल हमारे देश में मेडिकल कालेजो में और हॉस्पिटल में ऐसे मरीजो की संख्या खूब बढ़ रही है.

14 टिप्‍पणियां:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

चिंता की बात है।

P.N. Subramanian ने कहा…

अब कंप्यूटर को तलाक नहीं दे सकते. फिर एक यही उपाय बचता है कि बीच बीच में आँखों को विश्राम दें. बहुत अछि जानकारी दी आपने. आभार.

विवेक रस्तोगी ने कहा…

जी हाँ यह पागलपन जैसा लक्षण है।

Unknown ने कहा…

upyogi aur pramanit jankari k liye dhanyavaad

डॉ .अनुराग ने कहा…

ठीक कहा ....

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

तो मिश्रा सर ब्लोगिंग बंद कर दी जाय ?

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

मनोज मिश्र जी
ब्लागिंग बंद तो न की जाये पर आवश्यक सावधानियां अवश्य बरती जानी चाहिए . टीप के लिए आभार.

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

ठीक है सर जी ,एहतिआत बरतते है .धन्यवाद .

संगीता पुरी ने कहा…

बिल्‍कुल सही कहा .. जानकारी के लिए धन्‍यवाद।

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

स्वास्थ्य परक जानकारी के लिए धनयवाद.

- विजय

अजय कुमार झा ने कहा…

bilkul sach keh rahe hain mahender bhai, maine bhee jab se laiptop liya bahut hee jyada samay dene laga tha magar jab sir dard rehne laga to fir aa gaya line par...ab bilkul theek hai...
jaankaaree ke liye dhanyavaad...

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

हां आपने सही कहा. हमको ब्लागिंग के अलावा भी कम्प्युटर पर काफ़ी बैठना पडता है . आंखों की दिक्कत हमें हुई है हमने डाक्टर को दिखाया है सो कुछ दवा दी है..जो एक तो हमेशा डालनी है और दुसरी ज्यादा तकलीफ़ हो तब.

अब हमको ब्लागिंग का समय भी कम करना पडेगा. लगेगा तो बंद भी कर सक्ते हैं. खाली पीली आंखे गंवाकर ब्लागिंग नही करनी हमें

रामराम.

Udan Tashtari ने कहा…

सजग करने का आभार. जिन्हें लगातार कम्प्यूटर पर बैठना होता है, उनके लिए कुछ कारगर एक्सर्साइज़ भी बताई गई हैं, जिनमें आँख की भी शामिल है.

एतिहात बरतना आवश्यक है. आभार.

Science Bloggers Association ने कहा…

ब्लॉगर्स सावधान।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }