15.5.09

बम्फर ड्रा के परिणाम : सचित्र पहेली : बूझो तो जाने ?

एक सचित्र मुहावरा अपने ब्लॉगर भाई/बहिनों से पूछा था. उत्तर देने के लिए दो दिन का समय दिया गया था. यह मुहावरा पूछा था कि "एक बगीचे में तीन महापुरुषों की मूर्तियाँ लगी हुई हैं. रोज सुबह उन मूर्तियाँ को मोहल्ले के लोग फूलो की माला पहिनाते है . इन तीन महापुरुषों के नाम क्रमशः पंडित जवाहर ला जी नेहरू दूसरा राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी जी और नेताजी सुभाष चन्द्र जी है इनकी फोटो लगाए गए थे. फोटो को देखकर अनुमान लगाकर सिर्फ उत्तर देना था कि गाँधी जी की माला गाय ने क्यों नहीं खाई ? इस रोचक मुहावरे के बारे में अनेको ब्लागर्स के उत्तर मिले.

सबसे पहले भाई गगन शर्मा जी ने उत्तर दिया कि क्योंकि उनके हाथ में लाठी है उनके उत्तर के समर्थन में सुब्रमनियन जी, विजय वडनेरे जी ने,भाई नीशू जी ने,भाई धीरू सिह जी ने,जयंत चौधरी जी ने,हिमांशु जी ने अपनी सहमति व्यक्त की. भाई नवीन शर्मा जी ने और भाई अर्श जी और भाई प्रवीण त्रिवेदी.जी .प्राइमरी का मास्टर ने लाठी से अपनी सहमति जताई. डॉ. मनोज मिश्रजी ने कहा… जो सब नें कहा वही हमारा भी उत्तर है सबके उत्तर के स्वर में अपने उत्तर के सुर मिला दिए. ताऊ रामपुरिया ने कहा… लाठी का कमाल है.

उड़न तश्तरी जी ने पहला उत्तर दिया … ”जिसकी लाठी, उसकी भैंस......फिर दूसरा उत्तर दिया ....भाई....गाँधी जी से तो गाय की कोई दुश्मनी थी नहीं..वो तो बकरी का दूध पीते थे. बाकी के दोनों गाय का दूध पीते थे, इसलिये हिसाब चुकता कर गई.....पहले भैस को घुसेड़ा फिर बकरी को भी उत्तर में समेत दिया खैर उन्होंने उत्तर में लाठी का जिक्र तो कर दिया है.

अभिषेक ओझा जी ने कहा… हम तो लाठी वाले उत्तर के साथ जाते लेकिन अब दोनों उत्तर के साथ हैं. लाठी भी और बकरी भी. लो भाई कर लो बात इन्होने भी उत्तर में बकरी को घुसेड दिया .

संगीता पुरी जी ने कहा… लाठी देखकर गाय को तो डरना ही है .. अब वो कैसे जाने कि यह मूर्ति है .. व्‍यक्ति नहीं....अरे मै लिखना भूल गया कि व्यक्ति या मूर्ती है.

काजल कुमार जी ने कहा… खायेगी तो तब न, जो गले में माला होगी. पहनाते ही उतार नही दी ?

रंजन जी ने कहा… और याद दिलाया कि गांधी जी को खादी की माला पहनाई जाती है..… वैसे.. आपके चित्र के हिसाब से तो उन्होने माला उतार दी न ? बहुत सही पकड़ा कि जो चित्र मैंने जल्दबाजी में दिया था उसमे गाँधी जी अपनी माला उतार रहे है पर उत्तर में लाठी को सम्मिलित नहीं कर पाए.

सिद्धार्थ जोशी जी ने कहा… सोच सोच कर भेजे का दही हो गया है.....लाठी तो तस्‍वीर में दिखाई गई है......जरुरी नहीं है कि पार्क में लगी मूर्ति पर भी लाठी हो......जिसकी लाठी उसकी भैंस इसलिए नहीं हो सकती कि गाय ने माला खाई है...
..... अब मैलोडी खाओ खुद जान जाओ....

हाँ यह हो सकता है कि पार्क की मूर्ती में गाँधी जी के हाथो में लाठी न हो.

भाई विजय जी ने कहा महेंद्र भाई ....आपने ही तो बताया था कि वो गाय गांधी जी की ही थी, भला गाय अपने मालिक की माला कैसे खा सकती है. हाँ सहमत हूँ कि गाय अपनी मालिक की माला नहीं खा सकती है. गायो के बारे में भाई कबु अपनी बताई नहीं हुई है. हाँ ब्लागिंग की गायो के बारे में चर्चा जरुर होती रहती है कि वो गाय कितनी सीधी है और वो गाय कितनी तेज है और वो गाय कितनी मरखू है आदि आदि.

प्रेमलता पांडे जी ने कहा…
गाँधीजी खड़े हैं ऊँचाई ज़्यादा है सो गाय का मुँह पहुँच हीन पाया जबकि वो दोनों की मूर्ति बैठी मुद्रा की नीची हैं।
( दो माला खाकर पेट भी भर गया होगा, गाय को डिडया(ज़रुरत से ज़्यादा खाने की आदत) नहीं होती. उत्तर भी गजब का दिया पूछो कुछ बताओ कुछ के अंदाज में.

अन्नपूर्ण ने कहा… गाँधीजी के दोनों हाथों में माला फंसी रही ... जी नहीं वे अपनी माला उतार रहे थे.

पहेली का सही उत्तर है गाँधी जी के हाथो में लाठी थी इसीलिए उनकी माला गाय ने नहीं खाई .


खैर जो भी है सचित्र मुहावरा बड़ा ही रोचक रहा . आप सभी ने अपने तरह तरह के विचार प्रेषित किये कुछ ने सटीक उत्तर दिए और कुछ ने अपने उत्तर लाइन से हटकर दिए . इस सचित्र पहेली मुहावरे के विजेता पहले आवे और पहले पावे के आधार पर भाई गगन शर्मा जी घोषित किये जाते है उन्होंने सबसे पहले पहले सटीक उत्तर दिया और सुब्रमनियन जी, विजय वडनेरे जी, भाई नीशू जी,भाई धीरू सिह जी,जयंत चौधरी जी ने,हिमांशु जी भाई नवीन शर्मा जी और भाई अर्श जी और भाई प्रवीण त्रिवेदी...प्राइमरी का मास्टर,डॉ. मनोज मिश्र अभिषेक ओझा उड़नतश्तरी जी. संगीता पुरी को भी विजेता घोषित किया जाता है और इस पहेली में सम्मिलित होने के लिए भाई विजय जी,सिद्धार्थ जोशी जी, मुकेश कुमार तिवारी और रंजन जी को भी बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने पहेली में अपनी भागीदारी देकर पहेली को और भी रोचक बना दिया.

9 टिप्‍पणियां:

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

सभी विजेताओं को धन्यवाद!!
और बधाई! भी!!

Vinay ने कहा…

बधाइयां जी बधाइयां

Unknown ने कहा…

पूरी की पूरी भीड़ को बधाई!!!

Udan Tashtari ने कहा…

पूरी की पूरी भीड़ को ट्रक भर के बधाई!!!

"अर्श" ने कहा…

ha ha ha pahali baar kisi paheli me jeet hasil huee hai... aap sabhi ko bhi bahot bahot badhaayee


arsh

Himanshu Pandey ने कहा…

सभी को बधाई ।

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

सभी विजेताओं को बधाई , आपको धन्यवाद !!

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

विजेताओं को बधाई।

Astrologer Sidharth ने कहा…

बधाई ? नहीं SSSSSSSSSSSSSSSSSSS ऐसा नहीं हो सकता।


दरअसल सवाल ही खोटा था। :)

खैर बधाई :(

सबको बधाई। ढेर सारी बधाई। :)